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This Article is From Dec 31, 2023

Saraswati Puja 2024: नए साल में इस दिन होगी मां विद्यादायिनी की पूजा, हर विद्यार्थी को नोट कर लेनी चाहिए डेट और पूजा विधि

Saraswati Puja 2024 Date: हर विद्यार्थी को मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. अगर आप भी नए साल से ऐसा करने की सोच रहे हैं तो चलिए आपको बताते हैं कि 2024 में सरस्वती पूजा कब मनाई जाएगी.

Saraswati Puja 2024: नए साल में इस दिन होगी मां विद्यादायिनी की पूजा, हर विद्यार्थी को नोट कर लेनी चाहिए डेट और पूजा विधि
Saraswati Puja: नए साल में इस दिन हैं सरस्वती पूजा.

अंकित श्वेताभ: हिन्दू धर्म में हर देवी-देवता का कुछ खास महत्व माना गया है. खासतौर से शक्ति का रूप माने जाने वाली मां के नौ रूपों (Navdurga) की पूजा होती हैं. शांति के लिए मां पार्वती, शक्ति के लिए मां काली, धन के लिए मां लक्ष्मी, और अन्य की अराधना की जाती हैं. ऐसे में मां सरस्वती (Saraswati Mata) या मां विद्यादायिनी की पूजा विद्या और बुद्धि के लिए की जाती हैं. मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती अपने भक्तों पर सहाय होती हैं और विद्या के क्षेत्र में कामयाब होने में मदद करती हैं. आइए आपको बताते हैं कि नए साल 2024 में आप मां की पूजा (Saraswati Puja) किस दिन कर सकते हैं और क्या है महत्व.

सरस्वती पूजा 2024 डेट | Saraswati Puja 2024 Date

हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा होता है.ये तिथि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि होती है. अक्सर ये तिथि फरवरी महीने में पड़ती है. साल 2024 में सरस्वती पूजा 14 फरवरी 2024 को है. असल में तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से होगी और अगले दिन 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार पूजा 14 फरवरी को होगी. इस बीच में आप मां सरस्वती की विधिवत पूजा कर सकते हैं.

सरस्वती पूजा 2024 शुभ मुहूर्त | Saraswati Puja Shubh Muhurat

अगर बात करें साल 2024 में सरस्वती पूजा के शुभ मुहूर्त की तो ये 14 फरवरी 2024 को सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. इस समय आप अपने घर पर, पंडाल में या अपने शिक्षन संस्थान में मां की विधिवत पूजा कर सकते हैं.

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सरस्वती पूजा पर ये ध्यान रखें | Saraswati Puja Special things

सरस्वती पूजा का दिन धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक रूप से भी बहुत जरूरी माना जाता हैं. इसी दिन से ठंड कम होने लगती हैं और बसंत ऋतु की शुरुआत होती हैं. इस दिन मां की पूजा करते समय ध्यान रखें की पीले रंग का ही वस्त्र धारण करें. साथ ही मां को पूजा में सफेद रंग का फूल और गुलाल जरूर चढ़ाएं.

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