प्रतीकात्मक चित्र
अमृतसर:
पंज प्यारों ने घोषणा की है कि वे अकाल तख्त से गैर-सिखों को धर्म की दीक्षा देने की अपनी धार्मिक सेवा को जारी रखेंगे। इस प्रकार उन्होंने नए सिरे से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) को चुनौती दी है।
एक लिखित वक्तव्य में पंज प्यारों ने कहा कि अब तक वे श्रद्धालुओं को समुदाय के सिद्धांतों और रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी देकर उन्हें सिख धर्म की दीक्षा देने की धार्मिक सेवा (अमृत संचार) कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि वे बिना किसी डर और दबाव के अपनी धार्मिक सेवा जारी रखेंगे।
यह घोषणा एसजीपीसी के एक जनवरी के उस फैसले के मद्देनजर आई है जिसमें चार पंज प्यारों को बर्खास्त कर दिया गया था, जबकि पांचवें को सेवानिवृत्त घोषित कर दिया गया।
एक लिखित वक्तव्य में पंज प्यारों ने कहा कि अब तक वे श्रद्धालुओं को समुदाय के सिद्धांतों और रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी देकर उन्हें सिख धर्म की दीक्षा देने की धार्मिक सेवा (अमृत संचार) कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि वे बिना किसी डर और दबाव के अपनी धार्मिक सेवा जारी रखेंगे।
यह घोषणा एसजीपीसी के एक जनवरी के उस फैसले के मद्देनजर आई है जिसमें चार पंज प्यारों को बर्खास्त कर दिया गया था, जबकि पांचवें को सेवानिवृत्त घोषित कर दिया गया।
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