इस मंदिर का निर्माण 1897 में किया गया था
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने रावलपिंडी के कृष्ण मंदिर के सौंदर्यीकरण और इसके विस्तार के लिए दो करोड़ रुपये की रकमजारी की है. यह जानकारी मीडिया की एक रिपोर्ट में दी गई है.
हर रोज़ भूखों को खाना खिलाता है ये शख्स
रावलपिंडी और इस्लामाबाद शहरों में केवल कृष्ण मंदिर ही ऐसा इकलौता इकलौता है जो श्रद्धालुओं के लिए खुला है. मंदिर में हर दिन सुबह और शाम दो बार आरती की जाती है जिसमें छह से सात लोग मौजूद रहते हैं.
डॉन समाचारपत्र ने इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) उप प्रशासक मोहम्मद आसिफ के हवाले से बताया है कि प्रांतीय एसेंबली के एक सदस्य के आग्रह पर सरकार ने दो करोड़ रूपये जारी किए हैं.
अख़बार के मुताबिक, 'आसिफ ने बताया कि मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम जल्दी शुरू हो जाएगा. एक टीम ने वहां का दौरा किया है और काम शुरू करने की योजना बताई. जहां पर मूर्तियां रखी गयी है, उस कमरे को सौंदर्यीकरण खत्म होने तकतक बंद रखा जाएगा.'
आसिफ के हवाले से अखबार ने बताया है, 'एक बार सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो जाएगा तो यहां और लोगों के इकट्ठा होने के लिए जगह हो जाएगी.'
अधिकारी ने बताया कि मंदिर में जगह होने से आसपास के दोनों शहरों और नजदीकी इलाकों के श्रद्धालुओं को सुविधा हो जाएगी.
गौरतलब है कि कांजी मल और उजागर मल राचपाल ने 1897 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था.
हर रोज़ भूखों को खाना खिलाता है ये शख्स
रावलपिंडी और इस्लामाबाद शहरों में केवल कृष्ण मंदिर ही ऐसा इकलौता इकलौता है जो श्रद्धालुओं के लिए खुला है. मंदिर में हर दिन सुबह और शाम दो बार आरती की जाती है जिसमें छह से सात लोग मौजूद रहते हैं.
डॉन समाचारपत्र ने इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) उप प्रशासक मोहम्मद आसिफ के हवाले से बताया है कि प्रांतीय एसेंबली के एक सदस्य के आग्रह पर सरकार ने दो करोड़ रूपये जारी किए हैं.
अख़बार के मुताबिक, 'आसिफ ने बताया कि मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम जल्दी शुरू हो जाएगा. एक टीम ने वहां का दौरा किया है और काम शुरू करने की योजना बताई. जहां पर मूर्तियां रखी गयी है, उस कमरे को सौंदर्यीकरण खत्म होने तकतक बंद रखा जाएगा.'
आसिफ के हवाले से अखबार ने बताया है, 'एक बार सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो जाएगा तो यहां और लोगों के इकट्ठा होने के लिए जगह हो जाएगी.'
अधिकारी ने बताया कि मंदिर में जगह होने से आसपास के दोनों शहरों और नजदीकी इलाकों के श्रद्धालुओं को सुविधा हो जाएगी.
गौरतलब है कि कांजी मल और उजागर मल राचपाल ने 1897 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं