पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्यौहार है.
लोहड़ी उत्तर भारत का एक सबसे लोकप्रिय त्यौहार है. लेकिन यह पंजाब के लोगों द्वारा काफी धूमधाम से मनाया जाता है. पंजाब के अतिरिक्त यह त्यौहार हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी काफी उत्साह से मनाया जाता है. अनेक लोग यह मानते हैं कि इस पर्व को उस दिन मनाया जाता है, जब सर्दियों में यह साल का सबसे छोटा दिन और रात साल की सबसे बड़ी रात होती है. लेकिन यह केवल मान्यता है, क्योंकि साल का सबसे छोटा दिन और रात 21 दिसंबर को होता है.
लोहड़ी 2017 स्पेशल: जानिए क्या है पंजाब के लोक नायक दुल्ला भट्टी की कहानी
पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्यौहार है. इस दिन बॉनफायर की तरह आग का एक अलाव जलाकर उसके इर्दगिर्द नृत्य किया जाता है. लड़के जहां भांगड़ा पाते हैं, वहीं लड़कियां और महिलाएं गिद्धा नृत्य करती है. लोहड़ी के अलाव के आसपास लोग इकट्ठे होकर दुल्हा बत्ती का प्रशंसा गायन भी करते है, जो पंजाब के लोक पात्र हैं.
लोहड़ी से जुड़ी मान्यताएं
अनेक लोग मानते हैं कि लोहड़ी शब्द ‘लोई (संत कबीर की पत्नी) से उत्पन्न हुआ था, लेकिन अनेक लोग इसे तिलोड़ी से उत्पन्न हुआ मानते हैं, जो बाद में लोहड़ी हो गया. वहीं कुछ लोग यह मानते है कि यह शब्द लोह’ से उत्पन्न हुआ था, जो चपाती बनाने के लिए प्रयुक्त एक उपकरण है.
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इस पर्व को मनाने के पीछे एक विश्वास यह भी है लोहड़ी का जन्म होलिका की बहन के नाम पर हुआ. लोग मानते है कि होलिका की बहन बच गयी थी, हालांकि होलिका खुद आग मे जल कर मर गयी. अनेक किसान इस दिन से अपने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में लोहड़ी मनाते हैं.
लोहड़ी 2017
वर्ष 2017 में लोहड़ी 13 जनवरी दिन शुक्रवार को पूरे उत्साह के साथ मनाया जायेगा. लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं सन्देश देंगे. वर्तमान में लोगों ने इस पर्व को सोशल मीडिया, जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि पर काफी लोकप्रिय बना दिया है. लोग एडवांस में ही बधाइयों की झड़ी लगा देते हैं.
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पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्यौहार है. इस दिन बॉनफायर की तरह आग का एक अलाव जलाकर उसके इर्दगिर्द नृत्य किया जाता है. लड़के जहां भांगड़ा पाते हैं, वहीं लड़कियां और महिलाएं गिद्धा नृत्य करती है. लोहड़ी के अलाव के आसपास लोग इकट्ठे होकर दुल्हा बत्ती का प्रशंसा गायन भी करते है, जो पंजाब के लोक पात्र हैं.
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अनेक लोग मानते हैं कि लोहड़ी शब्द ‘लोई (संत कबीर की पत्नी) से उत्पन्न हुआ था, लेकिन अनेक लोग इसे तिलोड़ी से उत्पन्न हुआ मानते हैं, जो बाद में लोहड़ी हो गया. वहीं कुछ लोग यह मानते है कि यह शब्द लोह’ से उत्पन्न हुआ था, जो चपाती बनाने के लिए प्रयुक्त एक उपकरण है.
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वर्ष 2017 में लोहड़ी 13 जनवरी दिन शुक्रवार को पूरे उत्साह के साथ मनाया जायेगा. लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं सन्देश देंगे. वर्तमान में लोगों ने इस पर्व को सोशल मीडिया, जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि पर काफी लोकप्रिय बना दिया है. लोग एडवांस में ही बधाइयों की झड़ी लगा देते हैं.
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