
Sawan somwar 2025: शिव को प्रिय माने जाने वाले श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव और उनके मस्तक की शोभा बढ़ाने वाले चंद्र देवता को समर्पित है. शिव को शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले कल्याण का देवता माना गया है. यही कारण है कि भोले के भक्त इस पावन मास में उनका आशीर्वाद पाने और अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए व्रत, उपवास, प्रार्थना, जप, दान, सेवा आदि धार्मिक कार्य किया करते हैं. मान्यता है कि श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार के दिन विधि-विधान से शिव पूजा और व्रत कभी भी निष्फल नहीं जाती है. आइए सावन सोमवार के फल के बारे में विस्तार से जानते हैं.
पहले सोमवार व्रत की पूजा का फल
हिंदू मान्यता के अनुसार श्रावण मास के पहले सोमवार को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने पर व्यक्ति के करियर-कारोबार से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और उसे मनचाहा रोजी-रोजगार मिलता है. यह व्रत शिव साधक को धन और पद आदि में वृद्धि दिलाता है. शिव कृपा से साधक के घर में हमेशा मां लक्ष्मी का वास बना रहता है. श्रावण के पहले सोमवार व्रत से साधक को कर्ज से मुक्ति मिलती है और उसे विभिन्न स्रोतों से आय होती है. कुल मिलाकर सावन के पहले सोमवार व्रत को करने पर आर्थिक अनुकूलता बनी रहती है.

दूसरे सोमवार व्रत की पूजा का फल
हिंदू मान्यता के अनुसार श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर शिव पूजा करने पर साधक का दांपत्य जीवन सुखमय बना रहता है. इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्यक्ति को जीवन में सुयोग्य जीवनसाथी मिलता है. प्रेम संबंध में आपसी विश्वास और निकटता बढ़ती है. पार्टनर का समर्पित भाव से जुड़ा रहता है. दूसरे सोमवार के व्रत पवित्रता के साथ करने पर तमाम तरह के दोष दूर होते हैं और परिवार में प्रेम, सामंजस्य और सुख-शांति बनी रहती है.
तीसरे सोमवार व्रत की पूजा का फल
श्रावण महीने के तीसरे सोमवार का व्रत को करने पर व्यक्ति को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. यह व्रत भगवान शिव से कुल की वृद्धि कराते हुए पूरे परिवार को सुखी और निरोगी रहने का आशीर्वाद दिलाता है. इस व्रत के शुभ प्रभाव से जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रगति होती है. इस व्रत के शुभ फलों को प्राप्त करने वाला साधक हमेशा तेजवान रहता है. उस पर शिव की असीम कृपा बरसती है.
चौथे सोमवार व्रत की पूजा का फल
सावन के आखिरी और चौथे सोमवार के व्रत को करने पर शिव का साधक अपने शत्रुओं और कंपटीटर को पराजित करते हुए शिखर पर पहुंचता है. इस व्रत को करने पर कोर्ट-कचहरी और राजकाज से जुड़े मामलों में मनचाही सफलता प्राप्त होती है. व्रत के शुभ प्रभाव से साधक तमाम तरह की अड़चन और बाधाओं से बचते हुए निर्भय बना रहता है. सावन के आखिर सोमवार का व्रत रखने वाले व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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