Jitiya Vrat 2021: सूर्यास्त के बाद से शुरु हुआ निर्जला व्रत, जानें जीतिया व्रत से जुड़ी कथा और शुभ मुहूर्त

Jitiya Vrat Katha: हिंदू पंचाग (Hindu Calander) के अनुसार, जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) का विशेष महत्व है. इसे जिउतिया, जीतिया (Jitiya), जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन, जीतिया व्रत भी कहा जाता है. ये व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है.

Jitiya Vrat 2021: सूर्यास्त के बाद से शुरु हुआ निर्जला व्रत, जानें जीतिया व्रत से जुड़ी कथा और शुभ मुहूर्त

Jitiya Vrat 2021: निर्जला रखा जाएगा आज जितिया व्रत, जानें जीतिया व्रत से जुड़ी कथा

खास बातें

  • सूर्यास्त के बाद शुरु हुआ निर्जला व्रत
  • नहाए खाए के साथ शुरू हुआ जीवित्पुत्रिका व्रत
  • निर्जला रखा जाएगा आज जीतिया व्रत
नई दिल्ली:

Jivitputrika Vrat 2021: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका (Jivitputrika Vrat) या जीतिया (Jitiya) का व्रत रखा जाता है. हिंदू पंचाग (Hindu Calander) के अनुसार, जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) का विशेष महत्व है. इसे जिउतिया, जीतिया (Jitiya), जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन, जीतिया व्रत भी कहा जाता है. ये व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है. इस साल ये व्रत 28 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक यानि तीन दिनों तक चलेगा. बता दें कि महिलाएं ये व्रत संतान प्राप्ति और उसकी लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जीतिया व्रत छठ व्रत (Chhath Vrat) की तरह ही होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की अष्टमी तिथि को हर साल जितिया व्रत का प्रथम दिन नहाए खाए होता है और फिर 29 सितंबर को निर्जला व्रत रखा जाता है.

जीतिया व्रत शुभ मुहूर्त (Jitiya Vrat Shubh Muhurta)

जीतिया व्रत- 29 सितंबर

अष्टमी तिथि प्रारंभ- 28 सितंबर को 06 बजकर 16 मिनट से 29 सितंबर की रात 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगी.

434f8rl8

Jitiya Vrat 2021 Image:  नहाए खाए के बाद शुरू हुआ जीवित्पुत्रिका व्रत

ऐसे रखें ये व्रत

28 सितंबर, अष्‍टमी को सूर्यास्‍त के बाद से प्रारंभ हुआ ये व्रत 30 सितंबर को खोला जाएगा. वहीं इस बीच 29 सितंबर यानि की आज महिलाएं निर्जला व्रत रख रही हैं. इस व्रत की पूजा 29 सितंबर यानि की आज की जाएगी.

जिउतिया व्रत की पौराणिक कथा

जीमूतवाहन युवाकाल में ही राजपाट छोड़कर पिता की सेवा करने वन की ओर चले गए थे. एक समय जंगल में विचरण करते हुए उनकी भेंट नागमाता से हुई. जीमूतवाहन के नागमाता से विलाप का कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि नागवंश गरुड़ से काफी परेशान है. अपने वंश की रक्षा करने के लिए उन्होंने गरुड़ से समझौता किया है कि वे रोज गरुड़ को एक नाग खाने को देंगे. ऐसा करने पर वो हमारा सामूहिक शिकार नहीं करेगा. इस समझौते के बाद अब आज नाग के पुत्र को गरुड़ के सामने जाना है. जीमूतवाहन ने नागमाता की ये सारी बातें सुनकर उन्हें वचन दिया कि वे उनके पुत्र को कुछ नहीं होने देंगे व उनकी रक्षा करते हुए सकुशल उन्हें वापस लौटा लाएंगे.

e4cde5uo

Jitiya Vrat 2021 Image:  निर्जला रखा जाएगा आज जीतिया व्रत

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

जीमूतवाहन खुद नाग के पुत्र की जगह कपड़े में लिपटकर गरुड़ के सामने रखी शिला पर जाकर लेट गए, जहां से गरुड़ अपना आहार लेते थे. इस  दौरान गरुड़ आये और शिला पर से जीमूतवाहन को पंजों में दबाकर पहाड़ की तरफ ले गये. गरुड़ ने देखा कि हर बार कि तरह इस बार नाग न चिल्ला रहा है और न ही रो रहा है. इस बार नाग बिल्कुल शांत है. शंका होने पर उन्होंने कपड़ा हटाकर देखा तो जीमूतवाहन को पाया. जीमूतवाहन ने सारी कहानी गरुड़ को बताई, जिसके बाद गरुड़ ने उन्हें छोड़ दिया. इसके साथ ही गरुड़ ने नागों को न खाने का भी वचन दिया.