Janmashtami 2023: हर साल भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. जन्माष्टमी के मौके पर भक्त मंदिर जाकर या घर में ही श्रीकृष्ण का पूजन (Krishna Puja) करते हैं. पूजा में बाल गोपाल के भजन भी गाए जाते हैं. ये भजन (Bhajan) मंत्रमुग्ध कर देने वाले हैं और सुनते ही मन में उतर जाते हैं. इन भजन को घर में मित्र मंडली के साथ मिलकर भी गाया जा सकता है. खासकर जन्माष्टमी के मौके पर सुनिए ये भजन और जोर से कहिए जय कन्हैया लाल की.
श्रीकृष्ण के भजन | Shri krishna Bhajan
बाजे बाजे रे बधाई मैया तेरे अंगनाबाजे बाजे रे बधाई मैया तेरे अंगना.
बड़ो अनोखो लाला जायो श्याम रंग सब के मन भायो
उमंग उमंग सब चले नन्द घर बांधे बंधना.
नन्द भवन एसो सजवायो, वैकुण्ठहुं को दियो लजायो
सब लोकन ते घनो सुहायो टोल टोल गोपी उठ धाईं गावें मंगना.
ब्राह्मण अपने वेद पढ़त हैं नन्द बाबा जू दान देत हैं
पाग पिछोरा ग्वाल लेत हैं गोपिन को दियो लहंगा फरिया रतन जड़ित कंगना.
नाच नाच के प्रेम दिखायो नन्द भवन मे धूम मचायो
देत असीस सबन मन भायो अरी यशोदा रानी तेरो जीवे छंगना.
चलो देख आएं नन्द घर लाला हुआ. यह तो नन्द जी के कुल का उजाला हुआ.
देखो सब ग्वाल बाल, चले होके खुशिहाल, संग बईया गल डाल, नाचे दे दे के ताल.
सब मिलझुल कहें गोप ग्वाला हुआ, चलो देख आएं नन्द घर लाला हुआ.
बाजे शंख घड़ेयाल, जनम लीनो गोपाल, सखी ब्रिज में सब ग्वाल, कहें जय जय गोपाल.
झूले अंगना में पलना है डाला हुआ, चलो देख आएं नन्द घर लाला हुआ.
प्रगटे बृज में बृजराज, करने भक्तों के काज, आया सारा समाज, दर्शन करने को आज.
सुख नैनो को पहुचाने वाला हुआ, चलो देख आएं नन्द घर लाला हुआ.
देखो गोकुल की और, कैसे नाच रहे मोर, छाए बादल घनघोर, बोले पची करे छोर.
बर्षा आनंद की बरसाने वाला हुआ, चलो देख आएं नन्द घर लाला हुआ.
छाई गोकुल में हरयाली,
कोयल कूके काली काली,
लियो आज रे जनम नन्दलाल ने,
खुशियां नन्द गांव में आई,
हीरे मोती दिए लुटाई,
लीला कैसी रे दिखाई, गोपाल ने।
नन्द बाबाजी ख़ुशी में झूमे,
अपने होश गवाए,
हीरा मोती और अशर्फी,
दोनों हाथ लुटाएं,
मेरे श्याम को नजर,
ना लगा जाए,
बड़े दिनों के बाद मिली है,
ऐसी ख़ुशी निराली
हो गई चारों तरफ दिवाली,
झूले पद गए आम की डाली,
लियो आज रे जनम नन्दलाल ने.
कान्हां के दर्शन करने को,
सभी देव ललचाये,
प्यारे प्यारे मुखड़े के,
हम कैसे दर्शन पाएं,
पलना में कन्हैया मुस्काये,
आज ख़ुशी में झूम रही है,
जमुना काली काली,
आंखें इनकी काली काली,
लटके लट जिनपे घुंघराली,
दिल सबका चुराया घनश्याम ने.
गोद उठाये नन्द रानी जी,
मुखड़ा चूमे जाए,
जो दुनिया को नाच नचाये,
इनके अंगना आये,
तेरा गुणगान भारती अब गाये,
आज ब्रज की शोभा लगती,
स्वर्ग लोक से प्यारी,
ज्योति भजन बनाये,
जाए सत्य बलि बलि जाए,
लियो आज रे जनम नन्दलाल ने.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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