जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान | Keep these things in mind while worshiping Shri Krishna on Janmashtami
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान के बाद, संकल्प लेकर व्रत रखें. इसके साथ ही सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और रोली मिलाकर अर्घ्य दें.
सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें. उन्हें चंदन, दूर्वा, पीले फूल की माला और धूप-दीप अर्पित करें. इसके साथ ही उनके समक्ष दीपक जलाएं और लड्डू का भोग लगाएं.
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भगवान गणेश की पूजा के बाद श्रीकृष्ण की पूजा शुरू करनी चाहिए. पहले अपने हाथों में थोड़ा जल या लेकर आचमन करें. इसके बाद श्रीकृष्ण को जल अर्पित करें.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दक्षिणवर्ती शंख से ही कान्हा जी को जल से स्नान कराना चाहिए. हालांका दूध से भी श्रकृष्ण का अभिषेक किया जा सकता है.
जन्माष्टमी के दिन कान्हा जी का अभिषेक करते वक्त ओम् कृं कृष्णाय नमः का जाप करना चाहिए.
जन्माष्टमी के दिन कान्हा जी का अभिषेक करने के बाद उन्हें पीले रंग के वस्त्र धारण कराएं. साथ ही साथ मुकुट में मोर पंख भी लगाएं.
भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के पास गोमाता की मूर्ति लगाएं. साथ ही उनका अभिषेक करने के पश्चात् उन्हें भोग लगाएं.
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जन्माष्टमी के दिन कान्हा जी को दूध, दही, माखन, मिश्री, लड्डू आदि का भोग लगाएं. साथ ही उन्हें तुलसी के जरूर अर्पित करें.
भगवान की पूजा के दौरान उन्हें दूर्वा, कुमकुम, चंदन, चावल, अबीर, फूल इत्यादि अर्पित करें. इसके साथ ही उनके सामने गाय के घी का दीपक जलाएं.
जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल की पूजा करने के साथ ही राधारानी की पूजा भी जरूर करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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