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This Article is From Oct 24, 2017

गुरुनानक जयंति: गुरुनानक देव के उपदेशों को अपनाने से फैलेगा जग में उजियारा

गुरुनानक देव हमेशा कहते थे कि मेहनत से ही कोई भी काम किया जाना चाहिए. उनके उपदेश के अनुसार किसी भी तरह का लोभ मनुष्य को नहीं करना चाहिए.

गुरुनानक जयंति: गुरुनानक देव के उपदेशों को अपनाने से फैलेगा जग में उजियारा
कार्तिक पूर्णिमा को हमारे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव का भी जन्म दिवस मनाया जाता है. इसी दिन उनका जन्म हुआ था. सिख धर्म से जुड़े लाखों लोगों के लिए गुरुनानक देव की जयंति एक बड़ा पर्व है. इस दिन को प्रकाश पर्व के तौर पर भी मनाया जाता है. गुरुनानक ऐसे गुरु हैं जिनके दिखाए रास्ते पर आज भी लाखों लोग चल रहे हैं. उनके उपदेशों को सिख धर्म में सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती है. उनके निस्वार्थ सेवा और त्याग जैसे उपदेशों का फल आज भी देश के हर गुरुद्वारे में नजर आता है. पढ़िए कुछ ऐसे ही उपदेशों के बारे में जिनसे गुरुनानक देव ने मनुष्य जीवन को एक नया रूप दिया. 

मेहनत से मिलेगा फल
गुरुनानक देव हमेशा कहते थे कि मेहनत से ही कोई भी काम किया जाना चाहिए. उनके उपदेश के अनुसार किसी भी तरह का लोभ मनुष्य को नहीं करना चाहिए. पैसे कमाने के लिए हमेशा सच्चाई और परिश्रम के रास्ते को ही चुनना चाहिए.
 
ईश्वर एक है
धर्म के नाम पर एक दूसरे की जान लेने वालों के लिए गुरुनानक देव का ईश्वर एक है का नारा काफी शिक्षाप्रद है. उन्होंने कहा कि ईश्वर एक ही है, इसीलिए हमें सबके साथ मिलजुलकर प्रेम से रहना चाहिए. वह ईश्वर हर किसी में हर जगह मौजूद है. 

महिलाओं का सम्मान 
गुरुनानक देव का एक उपदेश महिलाओं का सम्मान करना भी सिखाता है, जिसमें कहा गया है कि हर किसी को बराबरी का दर्जा दिया जाना चाहिए. किसी भी महिला का आदर करना चाहिए और उसे तुच्छ समझने की गलती कभी नहीं करनी चाहिए. 
 
अहंकार का त्याग
अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है. महाज्ञानी रावण को भी उसके अहंकार ने अंधा बना दिया था. गुरुनानक देव कहते हैं कि अहंकार का भाव कभी भी अपने मन में नहीं रखना चाहिए. सभी लोगों के साथ विनम्रता और सेवाभाव से पेश आना चाहिए. 

प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश
गुरुनानक देव ने हमेशा एक दूसरे के साथ प्रेम और भाईचारे से रहने की बात कही. वह समानता में विश्वास रखते थे. उनका कहना था कि लोगों को प्रेम, एकता और भाईचारे से रहना चाहिए और साथ ही इसका संदेश लोगों तक भी पहुंचाना चाहिए. 

पूरे संसार को माना घर
गुरुनानक देव की महानता इसी बात से सिद्ध होती है कि उन्होंने हमेशा पूरे संसार को ही अपना घर माना. उनके मुताबिक पूरा संसार एक घर की तरह है और उसमें रहने वाले लोग एक ही परिवार का हिस्सा हैं. 
 
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