
गीता जयंती पर पढ़ें श्रीमद्भगवद्गीता के 10 उपदेश
Gita Jayanti 2018: श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक और उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने वो कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत युद्ध के दौरान थे. जिस तरह गीता के उपदेशों से अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने राह दिखाई थी, ठीक आज भी इन उपदेशों को पढ़कर मनुष्यों को रास्ता मिल जाता है. 18 दिसंबर को गीता जयंती मनाई जा रही है. हर साल मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है, जो इस बार 18 दिसंबर को है. इस दिन घरों और मंदिरों में एक बार फिर गीता को पढ़ा जाता है. अगर इस बार आप श्रीमद्भगवद्गीता को पूरा पढ़ने का वक्त ना निकाल पाएं, तो यहां दिए गए गीता के 10 उपदेशों पर नज़र करें और इन्हें अपने व्हाट्सएप (Whatsapp)और फेसबुक (Facebook) पर लगाकर अपने करीबियों को भी दिखाएं.
Gita Jayanti 2018: कैसे हुआ श्रीमद्भगवद्गीता का जन्म? जानिए गीता जयंती के बारे में सबकुछ
कर्म करो और फल की चिंता मत करो
आत्मा न शस्त्र से कटती और ना आग से जलती है
कर्म से बढ़कर और कुछ नहीं
बुद्धि का नाश होने पर मनुष्य खुद का नाश कर बैठता है
जब-जब अधर्म बढ़ेगा, तब-तब मैं अवतार लूंगा
धर्म की स्थापना के लिए मैं प्रत्येक युग में जन्म लेता आया हूं
श्रेष्ठ पुरुष जो काम करते हैं, आम इंसान भी वैसा ही कार्य करते हैं
इन्द्रियों पर संयम रखने वाले मनुष्यों को ही शान्ति की प्राप्ति होती है
शोक मत करो, मेरी शरण में आओ, मैं तुम्हें सभी पापों से मुक्ति दिला दूंगा
मनुष्य जिस मन से मेरा नाम लेता है मैं उसे वैसा ही फल देता हूं
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