Lord Ganesha: हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है. यही कारण है कि किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य से पूर्व गणेश जी (Ganesh Ji) की पूजा की जाती है, उसके बाद ही किन्हीं अन्य देवी-देवताओंं का आवाहन किया जाता है. इसके अलावा शास्त्रों में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है. माना जाता है कि इनकी विधिवत पूजा-अर्चना से दुखों के छुटकारा मिलता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है. आइए जानते हैं कि घर में किस जगह भगवान गणेश की मूर्ति (Ganesha Statue) रखना शुभ और मंगलकारी माना गया है.
घर में किस जगह रखें भगवान गणेश की मूर्ति
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के उत्तर-पूर्व कोण में गणेश जी मूर्ति स्थापित करनी चाहिए. दरअसल उत्तर-पूर्व की दिशा को ईशान कोण कहा जाता है. माना जाता है कि ईशान कोण का संबंध देवी-देवताओं से है. यही कारण है कि इस दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति लगाई जाती है. मान्यता है कि इस दिशा में गणपति की मूर्ति लगाने से घर का वास्तु दोष दूर होता है. जिससे घर-परिवार के लोग खुशहाल रहते हैं.
इस दिशा में नहीं रखी जाती है भगवान गणेश की मूर्ति
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर की दक्षिण दिशा (South Direction) में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित नहीं करनी चाहिए. साथ ही पूजा घर के आस-पास कूड़े-कचड़े इकट्ठे नहीं होने चाहिए. इसके अलावा पूजा घर के आस-पास टॉयलेट या बाथरूम भी नहीं होना चाहिए.
गणपति की कैसी मूर्ति मानी गई है शुभ?
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के मुताबिक धातु, गोबर या मिट्टी से बनी हुई गणेश जी की मूर्ति लगाना शुभ है. वहीं घर के पूजा मंदिर में प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी हुई गणेशजी की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. इसके अलावा घर में बैठी हुई मुद्रा में भगवान गणेश की मूर्ति लगानी चाहिए. इसके अलावा बाईं तरफ सूंड वाली गणेशजी की मूर्ति नहीं लगानी चाहिए. वहीं, भगवान गणेश की खड़ी मूर्ति दुकान या कार्य स्थल पर रखना शुभ माना गया है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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