गणपति की स्थापना कैसे करें?
नई दिल्ली:
Ganesh Chaturthi 2018: गणेश चतुर्थी आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है. हर तरफ गणपति की प्रतिमाएं सज चुकी हैं. लाल बाग के राजा (Lalbaugcha Raja-लालबागच्या राजाचा) का भी श्रृंगार हो चुका है. महाराष्ट्र के अलावा गणेश चतुर्थी को मध्य प्रदेश में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है. 10 दिन तक चलने वाला यह उत्सव गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है. गणेश चतुर्थी के दिन भक्त प्यारे बप्पा (Ganpati Bappa) की मूर्ति को घर लाकर उनका सत्कार करते हैं. फिर 10वें दिन यानी कि अनंत चतर्दशी (Ananta Chaturdashi) को विसर्जन के साथ मंगलमूर्ति भगवान गणेश को विदाई जाती है. साथ ही उनसे अगले बरस जल्दी आने का वादा भी लिया जाता है.
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इस पर्व का सबसे खास हिस्सा है गणेश की मूर्ति को घर में स्थापित करना. क्योंकि पूजा-पाठ के सभी कामों को करने का एक सही समय और तरीका होता है, उसी के अनुसार गणपति की मूर्ति की भी स्थापना की जाती है. इसीलिए इस बार अपने घर में गणपति की स्थापना नीचे दिए गए तरीकों से करें.
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ऐसे करें गणपति की स्थापना
गणपति की स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न में की जाती है. मान्यता है कि गणपति का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था. साथ ही इस दिन चंद्रमा देखने की मनाही होती है. गणपति की स्थापना की विधि इस प्रकार है:
- आप चाहे तो बाजार से खरीदकर या अपने हाथ से बनी गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं.
- गणपति की स्थापना करने से पहले स्नान करने के बाद नए या साफ धुले हुए बिना कटे-फटे वस्त्र पहनने चाहिए.
- इसके बाद अपने माथे पर तिलक लगाएं और पूर्व दिशा की ओर मुख कर आसन पर बैठ जाएं.
- आसन कटा-फटा नहीं होना चाहिए. साथ ही पत्थर के आसन का इस्तेमाल न करें.
- इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा को किसी लकड़ी के पटरे या गेहूं, मूंग, ज्वार के ऊपर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें.
- गणपति की प्रतिमा के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि के प्रतीक स्वरूप एक-एक सुपारी रखें.
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गणेश चतुर्थी की पूजन विधि
गणपति की स्थापना के बाद इस तरह पूजन करें:
- सबसे पहले घी का दीपक जलाएं. इसके बाद पूजा का संकल्प लें.
- फिर गणेश जी का ध्यान करने के बाद उनका आह्वन करें.
- इसके बाद गणेश को स्नान कराएं. सबसे पहले जल से, फिर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) और पुन: शुद्ध जल से स्नान कराएं.
- अब गणेश जी को वस्त्र चढ़ाएं. अगर वस्त्र नहीं हैं तो आप उन्हें एक नाड़ा भी अर्पित कर सकते हैं.
- इसके बाद गणपति की प्रतिमा पर सिंदूर, चंदन, फूल और फूलों की माला अर्पित करें.
- अब बप्पा को मनमोहक सुगंध वाली धूप दिखाएं.
- अब एक दूसरा दीपक जलाकर गणपति की प्रतिमा को दिखाकर हाथ धो लें. हाथ पोंछने के लिए नए कपड़े का इस्तेमाल करें.
- अब नैवेद्य चढ़ाएं. नैवेद्य में मोदक, मिठाई, गुड़ और फल शामिल हैं.
- इसके बाद गणपति को नारियल और दक्षिण प्रदान करें.
- अब अपने परिवार के साथ गणपति की आरती करें. गणेश जी की आरती कपूर के साथ घी में डूबी हुई एक या तीन या इससे अधिक बत्तियां बनाकर की जाती है.
- इसके बाद हाथों में फूल लेकर गणपति के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करें.
- अब गणपति की परिक्रमा करें. ध्यान रहे कि गणपति की परिक्रमा एक बार ही की जाती है.
- इसके बाद गणपति से किसी भी तरह की भूल-चूक के लिए माफी मांगें.
- पूजा के अंत में साष्टांग प्रणाम करें.
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गणपति की स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न में की जाती है. मान्यता है कि गणपति का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था. साथ ही इस दिन चंद्रमा देखने की मनाही होती है. गणपति की स्थापना की विधि इस प्रकार है:
- आप चाहे तो बाजार से खरीदकर या अपने हाथ से बनी गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं.
- गणपति की स्थापना करने से पहले स्नान करने के बाद नए या साफ धुले हुए बिना कटे-फटे वस्त्र पहनने चाहिए.
- इसके बाद अपने माथे पर तिलक लगाएं और पूर्व दिशा की ओर मुख कर आसन पर बैठ जाएं.
- आसन कटा-फटा नहीं होना चाहिए. साथ ही पत्थर के आसन का इस्तेमाल न करें.
- इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा को किसी लकड़ी के पटरे या गेहूं, मूंग, ज्वार के ऊपर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें.
- गणपति की प्रतिमा के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि के प्रतीक स्वरूप एक-एक सुपारी रखें.
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गणेश चतुर्थी की पूजन विधि
गणपति की स्थापना के बाद इस तरह पूजन करें:
- सबसे पहले घी का दीपक जलाएं. इसके बाद पूजा का संकल्प लें.
- फिर गणेश जी का ध्यान करने के बाद उनका आह्वन करें.
- इसके बाद गणेश को स्नान कराएं. सबसे पहले जल से, फिर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) और पुन: शुद्ध जल से स्नान कराएं.
- अब गणेश जी को वस्त्र चढ़ाएं. अगर वस्त्र नहीं हैं तो आप उन्हें एक नाड़ा भी अर्पित कर सकते हैं.
- इसके बाद गणपति की प्रतिमा पर सिंदूर, चंदन, फूल और फूलों की माला अर्पित करें.
- अब बप्पा को मनमोहक सुगंध वाली धूप दिखाएं.
- अब एक दूसरा दीपक जलाकर गणपति की प्रतिमा को दिखाकर हाथ धो लें. हाथ पोंछने के लिए नए कपड़े का इस्तेमाल करें.
- अब नैवेद्य चढ़ाएं. नैवेद्य में मोदक, मिठाई, गुड़ और फल शामिल हैं.
- इसके बाद गणपति को नारियल और दक्षिण प्रदान करें.
- अब अपने परिवार के साथ गणपति की आरती करें. गणेश जी की आरती कपूर के साथ घी में डूबी हुई एक या तीन या इससे अधिक बत्तियां बनाकर की जाती है.
- इसके बाद हाथों में फूल लेकर गणपति के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करें.
- अब गणपति की परिक्रमा करें. ध्यान रहे कि गणपति की परिक्रमा एक बार ही की जाती है.
- इसके बाद गणपति से किसी भी तरह की भूल-चूक के लिए माफी मांगें.
- पूजा के अंत में साष्टांग प्रणाम करें.
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