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This Article is From Oct 19, 2021

Eid-e-Milad-un-Nabi 2021: जानें, क्यों और कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी और कौन थे पैगंबर हजरत मोहम्मद ?

Eid-e-Milad : ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-Milad-Un-Nabi-Eid) या ईद-ए-मिलाद (Eid-Ul-Milad) आज यानि 19 अक्टूबर को है. मान्‍यता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद (Prophet Hazrat Muhammad) का जन्म हुआ था.

Eid-e-Milad-un-Nabi 2021: जानें, क्यों और कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी और  कौन थे पैगंबर हजरत मोहम्मद ?
Eid Mubarak : जानें, क्यों और कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी और कौन थे पैगंबर हजरत मोहम्मद ?

Eid-E-Milad-Un-Nabi 2021: ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-Milad-Un-Nabi-Eid) या ईद-ए-मिलाद (Eid-Ul-Milad) आज यानि 19 अक्टूबर को है. मान्‍यता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद (Prophet Hazrat Muhammad) का जन्म हुआ था. उन्‍हें इस्लाम धर्म का संस्थापक माना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस्‍लाम के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख, 571 ईं. के दिन ही मोहम्मद साहेब जन्मे थे. इस दिन मजलिसें लगाई जाती हैं. पैगंबर मोहम्मद द्वारा दिए गए पवित्र संदेशों को पढ़ा जाता है. उन्हें याद कर शायरी और कविताएं पढ़ी जाती हैं. मस्जिदों में नमाज़ें अदा की जाती हैं. आइए जानते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी और पैगंबर हजरत मोहम्मद से जुड़ी कुछ खास बातें...

Eid-E-Milad 2021: पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिवस के मौके पर पढ़ें उनके पवित्र संदेश

कौन थे पैगंबर हजरत मोहम्मद ?

पैगंबर मोहम्मद का पूरा नाम पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम था. वह इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर थे. उनका जन्म मक्का शहर में हुआ. इनके पिता का नाम मोहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब और माता का नाम बीबी अमिना था. कहा जाता है कि 610 ईं. में मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई. बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया. हजरत मोहम्मद ने 25 साल की उम्र में खदीजा नाम की विधवा से शादी की. उनके बच्चे हुए, लेकिन लड़कों की मृत्यु हो गई. उनकी एक बेटी का अली हुसैन से निकाह हुआ. उनकी मृत्यु 632 ई. में हुई. उन्हें मदीना में ही दफनाया गया.

क्यों मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी ?

मुसलमान पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्म की खुशी में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाते हैं. इस दिन रात भर प्रार्थनाएं चलती हैं. जुलूस निकाले जाते हैं. सुन्नी मुसलमान इस दिन हजरत मोहम्मद के पवित्र वचनों को पढ़ते हैं और याद करते हैं. वहीं, शिया मुसलमान मोहम्मद को अपना उत्तराधिकारी मानते हैं. हजरत मुहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से मनाया जाता है.

कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी ?

पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिवस के अवसर पर घरों और मस्ज़िदों को सजाया जाता है. नमाज़ों और संदेशों को पढ़ने के साथ-साथ गरीबों को दान दिया जाता है. उन्हें खाना खिलाया जाता है. जो लोग मस्जिद नहीं जा पाते वो घर में कुरान पढ़ते हैं. मान्यता है कि ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के दिन कुरान का पाठ करने से अल्लाह का रहम बरसता है.

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