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कब है धनु संक्रांति, किस शुभ योग में सूर्य देव बदलेंगे राशि और स्नान-दान का क्या है शुभ मुहूर्त, जानिए यहां

Dhanu sankranti significance : धनु संक्रांति के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और जरूरतमंद को दान भी देते हैं. ऐसा करने से जीवन में सुख शांति आती है और सूर्य देव का आशीर्वाद भी मिलता है.  

कब है धनु संक्रांति, किस शुभ योग में सूर्य देव बदलेंगे राशि और स्नान-दान का क्या है शुभ मुहूर्त, जानिए यहां
Dahnu sankranti shubh muhurat : ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 49 मिनट से सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक

Dhanu Sankranti  2024 : ग्रहों के राजा सूर्य जिस दिन धनु राशि में प्रवेश करते हैं उस तिथि को धुन संक्रांति के नाम से जाना जाता है. जिस मुहूर्त में सूर्य देव धनु राशि में गोचर करते हैं उसी को संक्रांति कहते हैं. इस दिन को हिन्दू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है. धनु संक्रांति के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और जरूरतमंद को दान भी देते हैं. ऐसा करने से जीवन में सुख शांति आती है और सूर्य देव का आशीर्वाद भी मिलता है.  इस बार धनु संक्रांति 15 दिसंबर को मनाई जाएगी. ऐसे में आइए जानते हैं धनु संक्रांति पर दान-पुण्य का मुहूर्त क्या है..

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धनु संक्रांति शुभ मुहूर्त 2025

पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य देव धनु राशि में 15 दिसंबर को रात 10 बजकर 19 मिनट पर प्रवेश करेंगे. 15 दिसंबर को धनु संक्रांति का पुण्य काल दोपहर में 3:43 मिनट से शुरू होगा, जो शाम को 5:26 मिनट तक रहेगा. ऐसे में 1 घंटे 43 मिनट का रहेगा महा पुण्य काल. 

वहीं, धनु संक्रांति का पुण्य काल दोपहर में 12 बजकर 16 मिनट से शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. इस हिसाब से पुण्य काल की कुल अवधि 5 घंटे 10 मिनट की है. 

इसके अलावा धनु संक्रांति के दिन स्नान और दान का मुहूर्त शाम 3 बजकर 43 मिनट से 5 बजकर 26 मिनट तक है. इस काल में आप स्नान करते हैं, तो आपके सारे कष्ट दूर होंगे और आप निरोगी होंगे.

धनु संक्रांति के शुभ मुहूर्त - Auspicious time of Sagittarius Sankranti 2024

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 49 मिनट से सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक

प्रातः सन्ध्या - सुबह 05 बजकर16 मिनट से 06 बजकर 36 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 32 मिनट से 12 बजकर 14 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से 02 बजकर 21 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 08 मिनट से शाम 05 बजकर 35 मिनट तक

सायाह्न सन्ध्या - शाम 05 बजकर 11 मिनट से शाम 06 बजकर 31मिनट तक

अमृत काल - शाम 06 बजकर 06 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - 11 बजकर 27 मिनट से रात 12 बजकर मिनट तक (16 दिसंबर)

धनु संक्रांति का महत्व - Dhanu sankranti significance

कहा जाता है कि धनु संक्रांति के दिन शुद्ध जल में तिल और गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान करने से व्यक्ति पाप मुक्त होता है. इस दौरान स्नान करते समय मन ही मन भगवान सूर्य का स्मरण करें और स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें. इसके अलावा अर्घ्य देते समय ‘ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करते रहें. इससे मन को शांति मिलेगी और आपका तेज बढ़ेगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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