विज्ञापन
This Article is From Jun 28, 2016

सांप्रदायिक एकता, सहिष्णुता और सौहार्द के द्वार हैं देवा शरीफ, रामदेवरा और पोवा मक्का

सांप्रदायिक एकता, सहिष्णुता और सौहार्द के द्वार हैं देवा शरीफ, रामदेवरा और पोवा मक्का
देवा शरीफ (बाराबंकी, ऊ.प्र.): यहां धूमधाम से खेली जाती है होली
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
एक हिन्दू ने रखी थी देवा शरीफ दरगाह की आधारशिला
राजस्थान के रामदेवरा मंदिर के भीतर बने हैं कई मजार
असम के पोवा मक्का के लिए मक्का से लाई गई थी मिट्टी
नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश में देवा शरीफ, राजस्थान में रामदेवरा और असम में पोवा मक्का के बीच क्या समानता है? भले ही इन स्थानों के बारे में बहुत अधिक लोग नहीं जानते लेकिन सभी धर्मों में आस्था रखने वाले लोग सदियों से शांति, सहिष्णुता और सौहार्द के प्रतीक इन स्थानों पर बार बार जाते रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के शहर बाराबंकी में है देवा शरीफ...
लखनउ से एक घंटे की यात्रा कर कई धर्मों के लोग बाराबंकी में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह देवा शरीफ जाते हैं। इक्वेटर लाइन पत्रिका के ताजा अंक में ‘दि सूफी आफ देवा’ शीषर्क से लिखे एक लेख में बताया गया है, ‘‘इस जगह का वातावरण उदार है। लोग फूलों, मिठाइयों और रंग-बिरंगी चादरों के साथ इस सूफी संत की दरगाह पर आते हैं।’’

दरगाह की नींव एक हिन्दू ने रखी थी...
ऐसा कहा जाता है कि हाजी वारिस अली शाह ने अपने अनुयायियों को कभी भी अपना धर्म छोड़ने को नहीं कहा और यही वजह है कि भारी संख्या में हिंदू श्रद्धालु यहां मत्था टेकने आते हैं। इस दरगाह की नींव कन्हैया लाल ने रखी और इसके बाद कई और हिंदू लोग आगे आए। आज यहां हिंदू और मुस्लिम बराबर की संख्या में आते हैं।

पोखरण से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित है रामदेवरा...
पोखरण से करीब 12 किलोमीटर दूर रामदेवरा का स्थान हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए ही पवित्र जगह है। ‘‘ रामदेवरा, बाबा रामदेव या रामशा पीर का समाधि स्थल है और यह देश में संभवत: अकेला ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालुओं का पहेलीनुमा संगम होता है। इस मंदिर की सबसे अजीब खूबी इसके भीतर कई मजार हैं। ये उन लोगों की मजारें हैं जो बाबा रामदेव के बेहद करीब थे।’’

पोवा मक्का के लिए मक्का से लाई गई थी मिट्टी...
असम के गुवाहाटी में पोवा मक्का, सूफी संत पीर गियासुद्दीन औलिया की गद्दी है। ‘‘ इस मस्जिद की आधारशिला रखने के लिए मक्का से मिट्टी लाई गई थी। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मजार पर आने से मक्का में हज करने जैसा सबाब मिलता है। हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध लोग इस पवित्र स्थान पर आते हैं।’’

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
देवा शरीफ उत्तर प्रदेश, रामदेवरा राजस्थान, पोवा मक्का असम, सांप्रदायिक एकता, हाजी वारिस अली शाह की दरगाह, Ramdevra Rajasthan, Powa Mecca Hajo, Communal Harmony, Dewa Sharif Barabanki, Communal Harmony In India