आज देवोत्थान एकादशी है. देवोत्थान एकादशी कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं. दीपावली के बाद आने वाली एकादशी को ही देवोत्थान एकादशी अथवा देवउठान एकादशी या 'प्रबोधिनी एकादशी' कहा जाता है. आषाढ़, शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि को देव शयन करते हैं और इस कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं. इसीलिए इसे देवोत्थान (देव-उठनी) एकादशी कहा जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु, जो क्षीरसागर में सोए हुए थे, चार माह उपरान्त जागे थे. विष्णु जी के शयन काल के चार मासों में विवाहादि मांगलिक कार्यों का आयोजन करना निषेध है. हरि के जागने के बाद ही इस एकादशी से सभी शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू किए जाते हैं.
यूपी, वाराणसी: देव उत्थान एकादशी के अवसर पर लोग गंगा स्नान करते हुए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2020
एक स्थानीय पंडित ने बताया, "आज विष्णु विवाह व तुलसी विवाह से लोगों के घरों में शादी-विवाह जैसे विशेष आयोजन शुरू होते हैं। चार महीनों के बाद आज भगवान विष्णु योगनिद्रा से उठते हैं।" pic.twitter.com/qmDfgLtN7u
वहीं, इस मौके पर यूपी के वाराणसी में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया. एक स्थानीय पंडित ने बताया, "आज विष्णु विवाह व तुलसी विवाह से लोगों के घरों में शादी-विवाह जैसे विशेष आयोजन शुरू होते हैं. चार महीनों के बाद आज भगवान विष्णु योगनिद्रा से उठते हैं." एक श्रद्धालु ने बताया, "आज के दिन लोग स्नान आदि कर दान-पुण्य का काम करते हैं और अपने घरों में तुलसी विवाह करते हैं."
#WATCH | उत्तर प्रदेश: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी व देव उत्थान एकादशी के अवसर पर श्रद्धालु वाराणसी में गंगा नदी में स्नान करते हुए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2020
एक श्रद्धालु ने बताया, "आज के दिन लोग स्नान आदि कर दान-पुण्य का काम करते हैं और अपने घरों में तुलसी विवाह करते हैं।" pic.twitter.com/ZD7skFxfqx
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