भारत और बांग्लादेश को अलग करने वाली इच्छामति नदी में देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन को देखने सालाना हजारों पर्यटक आते थे. लेकिन, इस साल कोविड-19 (covid-19) के मद्देनजर विजयादशमी (Vijay Dashmi) के मौके पर विसर्जन कार्यक्रम सादा होगा. दोनों देशों के सीमा रक्षकों के बीच हुई एक बैठक में शुक्रवार को यह निर्णय लिया गया. नदी के मध्य में मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रम में दोनों देशों की पूजा समितियां हिस्सा लेती हैं और यह हजारों पर्यटकों के लिए अद्भुत नजारा होता है. इस नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक दूर-दूर से आते हैं.
वाराणसी में कुछ इस तरह से सजे मां दुर्गा के पूजा पंडाल, लोगों ने सुरक्षा नियमों का रखा ध्यान
जिला के एक अधिकारी ने बताया, कि व्यवस्था के अनुसार पूजा समितियों के कुछ सदस्यों को छोटी या बड़ी नावों के जरिए मूर्ति विसर्जन की अनुमति होगी. इस मौके पर पर्यटकों के आने की मंजूरी नहीं है. अधिकारी ने बताया, कि बांग्लादेश की तरफ से चार मूर्तियां यहां विसर्जित होंगी. जबकि भारत की तरफ से बसीरहाट और टाकी की पूजा समितियों की 40 मूर्तियां विसर्जित होंगी. अधिकारी ने बताया, कि विसर्जन में हिस्सा लेने वालों को मास्क और सैनेटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए.
मुंबई में मां दुर्गा के ऑनलाइन दर्शन, कोरोना के चलते पंडालों को सख्त निर्देश
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं