चर्च ऑफ इंग्लैंड में 20 साल बाद नियुक्त किया गया पहला अश्वेत पादरी

चर्च ऑफ इंग्लैंड में 20 साल बाद नियुक्त किया गया पहला अश्वेत पादरी

लंदन:

चर्च ऑफ इंग्लैंड ने 20 साल बाद अपना पहला अश्वेत पादरी नियुक्त किया है। इस कदम को वरिष्ठ नेतृत्व के पदों पर अल्पसंख्यकों को बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। 'गार्जियन' की मंगलवार की रिपोर्ट के मुताबिक, डाउनिंग स्ट्रीट ने घोषणा की कि नाइजिरिया में जन्मे वोयिन करोवेई दोरगु दक्षिण-पूर्वी लंदन के एक शहर वूलविच के 13वें पादरी होंगे। उन्हें मार्च में शपथ दिलाई जाएगी।
 
चर्च ऑफ इंग्लैंड में दोरगु की नियुक्ति जॉन सेंटामु के करीब दो दशक से ज्यादा समय बाद पहले अश्वेत व जातीय अल्पसंख्यक (बीएमई) पादरी के रूप में हुई है। सेंटामु अभी यॉर्क में पादरी है।
 
साउथवार्क कैथ्रेडल में एक संवाददाता सम्मेलन में दोरगु ने कहा कि एक पादरी के रूप में उनकी एक प्राथमिकता वूलविच की जातीय विविधता का जश्न मनाना है। दोरगु ने कहा कि उनकी मंशा 'अश्वेत और जातीय अल्पसंख्यकों को व्यवसायों और मंत्रालयों में ज्यादा भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना है।'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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