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This Article is From Nov 07, 2016

उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व संपन्न

उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व संपन्न
नयी दिल्ली: लोक आस्था और सूर्य उपासना का पर्व छठ सोमवार सुबह उगते सूर्य के अर्घ्य के साथ ही संपन्न हो गया. चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अघ्र्य के बाद व्रतियों ने अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' किया. छठ पर्व के चौथे और अंतिम दिन सोमवार बड़ी संख्या में व्रतधारी गंगा सहित विभिन्न नदियों के तट और जलाशयों के किनारे पहुंचे और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की. इसके बाद व्रती अपने घर आकर जल-अन्न ग्रहण कर 'पारण' किया और 36 घंटे का निर्जल उपवास समाप्त किया. 

छठ को लेकर चार दिनों तक पूरा बिहार भक्तिमय रहा. मोहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे. राजधानी पटना की सभी सड़कें दुल्हन की तरह सजाई गई. राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई. आम से लेकर खास लोगों तक सड़कों की सफाई में व्यस्त रहे. 

छठ को लेकर पटना से लेकर पूरे राज्य में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे. गंगा के तटों से लेकर जलाशयों के घाटों पर अभूतपूर्व सुरक्षा के इंतजाम देखे गए. 

पटना में कई पूजा समितियों द्वारा भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई है. पूरा माहौल छठमय रहा. कई स्थानों पर तोरण द्वार लगाए गए तो कई पूजा समितियों द्वारा रोशनी की व्यवस्था की गई . 

इधर, मुजफ्फरपुर, सासाराम, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर, बेतिया, मोतिहारी सहित सभी जिलों के शहरों से लेकर गांवों तक लोग चार दिनों तक छठ पर्व की भक्ति में डूबे रहे. औरंगाबाद के प्रसिद्घ देव सूर्य मंदिर परिसर में लाखों श्रद्घालु छठ पर्व मनाने पहुंचे थे. 

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का यह महापर्व प्रारंभ हुआ था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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Chhath Festival, उगते सूर्य को अर्घ्य, छठ
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