
Buddha Purnima (Vesak Day): क्यों मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बुद्ध पूर्णिमा है आज
इसे वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है
आज ही भगवान बुद्ध को बौध यानी ज्ञान प्राप्त हुआ था
30 अप्रैल को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट, तैयारियां पूरी
बुद्ध पूर्णिमा से जुड़ी मान्यताएं
माना जाता है कि वैशाख की पूर्णिमा को ही भगवान विष्णु ने अपने नौवें अवतार के रूप में जन्म लिया. इसी दिन को सत्य विनायक पूर्णिमा के तौर पर भी मनाया जाता है, मान्यता है कि आज के दिन भगवान कृष्ण के बचपन के दोस्त सुदामा गरीबी के दिनों में उनसे मिलने पहुंचे थे. इसी दौरान जब दोनों दोस्त साथ बैठे तब कृष्ण ने सुदामा को सत्यविनायक व्रत का विधान बताया था. सुदामा ने इस व्रत को विधिवत किया और उनकी गरीबी नष्ट हो गई. इस दिन धर्मराज की पूजा करने की भी मान्यता है. कहते हैं कि सत्यविनायक व्रत से धर्मराज खुश होते हैं. माना जाता है कि धर्मराज मृत्यु के देवता हैं इसलिए उनके प्रसन्न होने से अकाल मौत का डर कम हो जाता है.
जानें क्यों अपने ननिहाल में बरसों से ताले में बंद हैं भगवान राम?

बुद्ध पूर्णिमा 2018: आज के दिन अशुभ माने जाते हैं ये 4 काम, ना करें तो बेहतर
क्यों किया जाता है विशेष स्नान
हिंदुओं में हर महीने की पूर्णिमा विष्णु भगवान को समर्पित होती है. इस दिन तीर्थ स्थलों में गंगा स्नान का लाभदायक और पाप नाशक माना जाता है. लेकिन वैशाख पूर्णिमा का अपना-अलग ही महत्व है. इसका कारण यह बताया जाता है कि इस माह होने वाली पूर्णिमा को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में और चांद भी अपनी उच्च राशि तुला में होता है. कहते हैं कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन लिया स्नान कई जन्मों के पापों का नाश करता है.
Buddha Purnima 2018: जानिए बुद्ध पूर्णिमा का महत्व और मान्यता
देखें वीडियो - नेपाल के दुख-दर्द को बांटें : बुद्ध पूर्णिमा पर पीएम मोदी
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं