Buddha Purnima 2020: आज बुद्ध पूर्णिमा है. मान्यता है कि वैशाख महीने की पूर्णिमा को गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) ने जन्म लिया था. उन्हें सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु का नवां अवतार माना जाता है. बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्म दिन को बौद्ध अनुयायी बुद्ध जयंती (Buddha Jayanti) के रूप में मनाते हैं. महात्मा बुद्ध ने अपने अनुयायियों को जीवन जीने के लिए पंचशील सिद्धांतों (Panchsheel) का अनुसरण करने का उपदेश दिया था. बौद्ध उपासकों और अनुयायियों के लिए इन सिद्धांतों का पालन करना आवश्यक माना गया है. आपको बता दें कि पंचशील बौद्ध धर्म में माने गए पांच शील अथवा सदाचार हैं. ये सदाचार मानव को सदा ही संयमी और आचरणपूर्ण जीवन जीने का संदेश देते हैं.
बुद्ध द्वारा प्रदान किए गए पंचशील सिद्धांत जीवन के प्रति सहज दृष्टिकोण का परिचय देते हैं. ऐसे में इन सिद्धांतों का पालन कोई भी कर सकता है, फिर चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला ही क्यों न हो. पंचशील सिद्धांत यह नहीं बताते कि क्या गलत है और क्या सही, बल्कि यह हमें जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं. यह सिद्धांत हमें बताते हैं कि हम ईमानदारी से तय करें कि हमारे लिए क्या सही है और क्या गलत.
भगवान बुद्ध ने पालि भाषा में पंचशील के सिद्धांत दिए थे जो हिन्दी में इस प्रकार हैं:
1. प्राणीमात्र की हिंसा से विरत रहना.
2. चोरी करने या जो दिया नहीं गया है उससे विरत रहना.
3. लैंगिक दुराचार या व्यभिचार से विरत रहना.
4. असत्य बोलने से विरत रहना.
5. मादक पदार्थों से विरत रहना.
पालि में यह पंचशील सिद्धांत इस प्रकार हैं:
1. पाणातिपाता वेरमणी-सिक्खापदं समादयामि।।
2. अदिन्नादाना वेरमणी- सिक्खापदं समादयामि।।
3. कामेसु मिच्छाचारा वेरमणी- सिक्खापदं समादयामि।।
4. मुसावादा वेरमणी- सिक्खापदं समादयामि।।
5. सुरा-मेरय-मज्ज-पमादठ्ठाना वेरमणी- सिक्खापदं समादयामि।।
बहरहाल, गौतम बुद्ध के पंचशील सिद्धांतों का उद्देश्य हमें दुखों से दूर रखते हुए प्रसन्न रखना है.
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