विज्ञापन

आज मनाई जाएगी भड़ल्या नवमी, जानिए धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माने जाने वाले इस दिन का महत्व

आषाढ़ शुक्ल पक्ष में मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्र के आखिरी दिन भड़ल्या नवमी मनाई जाती है. यह दिन अक्षय तृतीया की तरह अबुझ मुहूर्त का दिन होता है.

आज मनाई जाएगी भड़ल्या नवमी, जानिए धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माने जाने वाले इस दिन का महत्व
आज का दिन देवशयनी एकादशी से पहले भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए भी बहुत महत्व रखता है.

Bhadli Navami: आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष में मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्र ( Gupt Navratri) का आखिरी दिन है. इस नवमी तिथि को 'कन्दर्प नवमी', 'शुद्रादि नवमी', 'भड्डली नवमी' या 'भड़ल्या नवमी' जैसे नामों से भी जाना जाता है. मान्यता है कि आषाढ़ के गुप्त नवरात्रि के नवमी तिथि के दिन किए गए तंत्र-मंत्र या उपाय विशेष सिद्धिकारक होते हैं. हिंदू धर्म में भड़ल्या नवमी का विशेष महत्व है और इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है. इस दिन बगैर मुहूर्त देखे मांगलिक और शुभ कार्य करने का विधान है. आइए जानते हैं भड़ल्या नवमी का धार्मिक महत्व. 

Bhadli Navami 2024: आज है भड़ली नवमी, जानिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का महत्व

भड़ल्या नवमी शुभ मुहूर्त

आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 14 जुलाई को शाम 5 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 15 जुलाई को शाम 7 बजकर 19 पर तक है. भड़ल्या नवमी 15 जुलाई सोमवर को मनाई जा रही है. इस साल गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 6 जुलाई से हुई थी और 15 जुलाई को भड़ल्या नवमी के साथ इसका समापन हो जाएगा.

भड़ल्या नवमी पर शुभ योग

भड़ल्या नवमी  पर कई शुभ योग (Shubh Yog) बन रहे हैं. इस दिन सुबह 7 बजे तक सिद्ध योग था. इसके बाद साध्य योग बन रहा है. यह योग आज से शुरू होकर अगले दिन सुबह 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. आज पूरे दिन रवि योग रहने वाला है. इस दिन भगवान शिव व माता मां पार्वती कैलाश पर विराजमान रहेंगे. इस योग में भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा से उनकी खास कृपा प्राप्त होती है. आज का दिन देवशयनी एकादशी से पहले भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा-अर्चना के लिए भी बहुत महत्व रखता है.

भड़ल्या नवमी का महत्व

अक्षय तृतीया की तरह भड़ल्या नवमी की तिथि को भी शुभ कार्यों को करने के लिए अति उत्तमदिन माना गया है. भड़ल्या नवमी के दिन सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य किए जा सकते हैं. भड़ल्या नवमी के दिन नया काम या व्यापार शुरू करने के लिए अति श्रेष्ठ  माना जाता है. मान्यता है कि इस तिथि में किया गए मांगलिक कार्य सुख-सौभाग्य प्रदान करने वाले होते हैं. भड़ल्या नवमी के दिन खरीदारी और नए कार्य की शुरुआत करने पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और इसके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन है इस तारीख को, राखी बांधने का सही समय जानिए पंडित से

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
पितृ पक्ष में भूलकर भी नहीं करनी चाहिए तुलसी से जुड़ी ये गलतियां, पितर हो सकते हैं नाराज और लग सकता है पितृदोष
आज मनाई जाएगी भड़ल्या नवमी, जानिए धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माने जाने वाले इस दिन का महत्व
सावन का तीसरा सोमवार कल, इस विधि से करें शिव जी की पूजा, भोलेनाथ होंगे प्रसन्न
Next Article
सावन का तीसरा सोमवार कल, इस विधि से करें शिव जी की पूजा, भोलेनाथ होंगे प्रसन्न
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com