फाइल फोटो
अजमेर:
महान सूफी हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 804वें सालाना उर्स की शुरूआत चांद दिखने के साथ 8 अप्रैल या 9 अप्रैल से शुरू हो जायेगी। इनकी अगुवाई ख्वाजा साहब के वंशज एवं सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान परम्परागत रूप से करेंगे। इसके बाद ही उर्स की औपचारिक शुरूआत मानी जाऐगी।
सज्जादानशीन (दरगाह दीवान) के सचिव सैन्यद अलाउद्दीन अलीमी आरिफ ने 804वें उर्स का कार्यक्रम जारी करते हुऐ आज बताया कि 8 अप्रैल या 9 अप्रैल को चांद दिखने के बाद दरगाह स्थित महफिल खाने में उर्स की पहली महफिल होगी।
दरगाह दीवान करेंगे रस्म की सदारत
महफिल खाने में आयोजित यह रस्म उर्स में होने वाली प्रमुख धार्मिक रस्मों में से एक प्रमुख रस्म है। सज्जादानशीन (दरगाह दीवान) परम्परा के अनुसार इसकी सदारत करेंगे। इसमें देश की विभिन्न खानकाहों के सज्जादानशीन, सूफी, मशायख सहित खासी तादाद में जायरीन ख्वाजा मौजूद रहेंगे। इसके अलावा देशभर से आए कव्वाल, फारसी व हिन्दी में सूफीमत के प्रवर्तकों द्वारा लिखे गऐ कलाम पेश करेंगे।
उन्होंने कहा कि यहां विशेष दुआ होगी और सज्जादनशीन साहब दस्तूर के मुताबिक देश के समस्त सज्जादगान की मौजूदगी में गरीब नवाज के 804वें उर्स की पूर्व संध्या पर खानकाह शरीफ (जहां गरीब नवाज अपने जीवन काल में उपदेश दिया करते थे) से मुल्क की अवाम व जायरीन ए ख्वाजा के नाम संदेश (दुआनामा) जारी करेंगे।
सज्जादानशीन (दरगाह दीवान) के सचिव सैन्यद अलाउद्दीन अलीमी आरिफ ने 804वें उर्स का कार्यक्रम जारी करते हुऐ आज बताया कि 8 अप्रैल या 9 अप्रैल को चांद दिखने के बाद दरगाह स्थित महफिल खाने में उर्स की पहली महफिल होगी।
दरगाह दीवान करेंगे रस्म की सदारत
महफिल खाने में आयोजित यह रस्म उर्स में होने वाली प्रमुख धार्मिक रस्मों में से एक प्रमुख रस्म है। सज्जादानशीन (दरगाह दीवान) परम्परा के अनुसार इसकी सदारत करेंगे। इसमें देश की विभिन्न खानकाहों के सज्जादानशीन, सूफी, मशायख सहित खासी तादाद में जायरीन ख्वाजा मौजूद रहेंगे। इसके अलावा देशभर से आए कव्वाल, फारसी व हिन्दी में सूफीमत के प्रवर्तकों द्वारा लिखे गऐ कलाम पेश करेंगे।
उन्होंने कहा कि यहां विशेष दुआ होगी और सज्जादनशीन साहब दस्तूर के मुताबिक देश के समस्त सज्जादगान की मौजूदगी में गरीब नवाज के 804वें उर्स की पूर्व संध्या पर खानकाह शरीफ (जहां गरीब नवाज अपने जीवन काल में उपदेश दिया करते थे) से मुल्क की अवाम व जायरीन ए ख्वाजा के नाम संदेश (दुआनामा) जारी करेंगे।
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