विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Mar 15, 2023

Aaj Ka Panchang, 15 March बुधवार: आज शीतला अष्टमी तिथि, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj ka Panchang, 15 March 2023: आज भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है. इसके अलावा आज शीतला अष्टमी का व्रत रखा जा रहा है. आज के दिन मां शीतला को बासी भोग लगाना शुभ माना जाता है. जानिए आज के शुभ-अशुभ मुहूर्तों के बारे में..

Aaj Ka Panchang, 15 March बुधवार: आज शीतला अष्टमी तिथि, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
आज का पंचांग

दैनिक के ये हैं प्रमुख पांच अंग


पंचांग में मुख्य रूप से पांच बातों का ध्यान रखा जाता है. जिसमें तिथि, वार, योग, करण और नक्षत्र शामिल हैं. दैनिक पंचांग में चद्रमा किस राशि में है, इसका विशेष ख्याल रखा जाता है. इसके साथ ही चंद्रमा का किस नक्षत्र के साथ युति है यह बात भी ध्यान देने योग्य होती है. इसके साथ-साथ सूर्योदय के समय क्या है, सूर्यास्त कब हो रहा है, कौन सा पक्ष चल रहा है. संबंधित तिथि पर करण क्या है और कौन का योग बन रहा है, इसे भी खास महत्व दिया जाता है. इसके अलावा पूर्णिमांत माह कौन सा है, अमांत महीना कौन सा है, सूर्य किस राशि में स्थित है, सूर्य किस नक्षत्र में है, कौन सी ऋतु है, अयन क्या है, शुभ मुहूर्त या अशुभ समय क्या है, राहु काल कब से कब तक रहेगा, ये सारी जानकारियां पंचांग के अन्तर्गत मिलती है.

तिथि: चैत्र कृष्णपक्ष अष्टमी
नक्षत्र: ज्येष्ठा
सूर्योदय: 06:10
सूर्यास्त: 18:09
दिन-दिनांक: 15-03-2023 बुधवार
वर्ष का नाम: शुभकृत्, उत्तरायन
अमृत काल: 13:39 to 15:09
राहु काल: 12:09 to 13:39
वर्ज्यकाल: 18:15 to 19:50
दुर्मुर्हूत: 11:46 to 12:34

दैनिक पंचांग में तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण खास महत्व रखते हैं.

तिथि
एक महीने में 2 पक्ष पड़ते हैं. दोनों पक्षों को मिलाकर कुल 15 तिथयां पड़ती है. पहली तिथि को प्रतिपदा कहते हैं. कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली प्रतिपदा को कृष्ण प्रतिपदा कहा जाता है. वहीं शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शुक्ल प्रतिपदा के नाम से जानते हैं. इसके अलावा कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि अमावस्या कहलाती है, जबकि शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते हैं.


वार
प्रत्येक सप्ताह में 7 वार होते हैं जो क्रमशः सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार हैं.


नक्षत्र
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों का जिक्र किया गया है. ये क्रमशः -अश्विन, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती हैं. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उसी के नाम पर हिंदी महीनों के नाम रखे गए हैं.


योग
विभिन्न पंचांगों और ज्योतिषियों के मुताबिक योगों की संख्या भी अलग-अलग है. कहीं-कहीं ये संख्या 300 से अधिक बताया गया है. ज्योतिष में 27 योगों की प्रधानता है.


करण
करण, तिथि के आधे हिस्से को कहते हैं. ऐसे में किसी एक तिथि में दो करण होते हैं. माह के दोनों पक्षों की तिथियों को मिलाकर करणों की संख्या 60 हो जाती हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
सावन में आते हैं कई प्रमुख व्रत और त्योहार, जानिए कब पड़ रही है हरियाली तीज, नाग पंचमी और शिवरात्रि, नोट कर लें डेट
Aaj Ka Panchang, 15 March बुधवार: आज शीतला अष्टमी तिथि, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
जानिए क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा और क्या है इसका महत्व
Next Article
जानिए क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा और क्या है इसका महत्व
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;