दिल्ली बीजेपी में टिकट बंटवारे के साथ ही बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं। प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय को टिकट न मिलने से नाराज़ उनके समर्थकों ने पार्टी दफ्तर में प्रदर्शन किया। इस बीच, किरण बेदी ने हर्षवर्धन से उनके घर जाकर मुलाकात की।
माना जा रहा है कि बेदी हर्षवर्धन से रविवार की उस घटना को लेकर गिले शिकवे दूर करना चाह रही थी, जब वह उनसे बिना मिले अपने घर से निकल गईं थीं।
पार्टी ने बेदी को कृष्णा नगर से टिकट दिया है, जहां से हर्षवर्धन लगातार पांच बार चुनाव जीते हैं। मंगलवार शाम दोनों ने कृष्णा नगर में एक साथ कार्यकर्ताओं को संबोधित कर संदेश देने की कोशिश की कि सब ठीक है।
हर्षवर्धन ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह सिर्फ विधायक ही नहीं, बल्कि दिल्ली का मुख्यमंत्री चुनने जा रहे हैं। बेदी ने भी उनका तारीफ़ की और कहा कि वह मुख्यमंत्री बनते तो दिल्ली के लिए अच्छा होता।
बुधवार को बेदी कृष्णानगर से नामांकन पत्र दाख़िल करेंगी और हर्षवर्धन भी इसमें मौजूद रहेंगे। लेकिन दिल्ली बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के समर्थकों ने उन्हें टिकट न देने के विरोध में कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उपाध्याय मालवीय नगर या महरौली से टिकट चाहते हैं, मगर पार्टी ने कहा कि वह चुनाव लड़वाएंगे, लड़ेंगे नहीं।
बीजेपी का टिकट पाने की आकांक्षी शिखा राय को भी टिकट नहीं मिलने के विरोध में उनके समर्थकों ने भी दिल्ली बीजेपी कार्यालय के सामने धरना दिया। विरोध का यह सिलसिला कई दूसरे इलाकों में भी देखने को मिला। विजेंदर गुप्ता को रोहिणी से टिकट मिलने से नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया, तो वहीं कई दूसरी जगहों पर इस्तीफे भी हुए। सबसे ज्यादा विरोध इस बात पर है कि बाहरी लोगों को टिकट क्यों दिए गए।
बीजेपी ने रणनीति के तहत अपने उम्मीदवार सबसे आखिर में घोषित किए थे, क्योंकि वह ऐसे प्रदर्शन रोकना चाहती थी। लेकिन लगता है उसे इसमें पूरी तरह से कामयाबी नहीं मिली है।
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