हाल में आतंकवादी हमलों में आई तेजी के बावजूद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के तीसरे चरण के तहत घाटी की 16 सीटों के लिए आज हुई वोटिंग के दौरान 58% मतदाताओं ने चुनाव बहिष्कार के आह्वान को नजरंदाज करते हुए अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। राज्य में पांच चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
चुनाव के तीसरे चरण में पिछले दो चरणों के मुकाबले कम मतदान दर्ज किया गया, हालांकि यह 2008 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले नौ प्रतिशत अधिक है। राज्य में पिछले दो चरणों के दौरान 72% मतदान दर्ज किया गया। वहीं इससे पहले 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान 49% मतदान दर्ज किया गया था।
आज कश्मीर घाटी के तीन जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होने के साथ ही विधानसभा के 87 क्षेत्रों में से 49 के लिए मतदान पूरा हो गया। चौथा और पांचवां चरण 14 और 20 दिसंबर को होगा। मतगणना 23 दिसंबर को होगी।
गुलमर्ग में एक मतदान केंद्र पर कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा किए गए पेट्रोल बम हमले को छोड़कर उत्तर दक्षिण और मध्य कश्मीर के बडगाम, पुलवामा और बारामुला के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा।
बेहद कम तापमान के बावजूद मतदाता मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी कैबिनेट के तीन सहयोगियों सहित 144 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए सुबह से ही 1781 मतदान केंद्रों पर पंक्ति लगाकर खड़े हो गए थे।
मतदान समाप्त होने के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमंग नरूला ने कहा कि बड़गाम जिले के चरारे शरीफ में सबसे अधिक 82.74% दर्ज किया गया, जबकि 2008 में 74.58 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
हुर्रियत कान्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के गृह नगर सोपोर में सबसे कम 30% मतदान दर्ज किया गया, लेकिन यहां 2008 के चुनाव के दौरान 19.95% मतदान दर्ज किया गया था। गिलानी चुनाव बहिष्कार अभियान चला रहे हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं