भाजपा की ओर से वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी पर पक्षपात का आरोप लगाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने आज एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को इस हाईप्रोफाइल लोकसभा क्षेत्र में विशेष पर्यवेक्षक के रूप में भेजने का फैसला किया है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के अजय राय और आप के अरविंद केजरीवाल के बीच है।
तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण कुमार को वाराणसी सीट के लिए विशेष पर्यवक्षेक बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि कुमार को जितनी जल्दी संभव को वाराणसी पहुंचने और चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने तक वहीं रहने को कहा गया है।
विशेष पर्यवेक्षक के तौर पर दायित्व के रूप में 1987 बैच के आईएएस अधिकारी को चुनाव संबंधी तैयारियों और चुनावी प्रक्रिया पर नजर रखनी होगी। सामान्य तौर पर विशेष पर्यवेक्षक उन संवदनशील राज्यों में भेजे जाते हैं जहां चुनाव आयोग को मतदान के दौरान अनियमितता की सूचना मिलती है।
भाजपा और आप की शिकायत के मद्देनजर दिल्ली में हुई चुनाव आयोग की बैठक में कुमार को विशेष पर्यवेक्षक बनाकर भेजने का फैसला लिया गया।
वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी प्रांजल यादव को बदलने की भाजपा की मांग को अस्वीकार करते हुए चुनाव आयोग ने आज कहा 'वर्तमान में हमें उनकी कार्रवाई गलत नहीं लगती है।' भाजपा ने आरोप लगाया था कि निर्वाचन अधिकारी ने शहर में मोदी के कार्यक्रम आयोजित करने की पार्टी को मंजूरी नहीं दी।
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