
सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की के माता-पिता की अनुपस्थिति में उसके घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ करने वाले व्यक्ति को 18 महीने जेल की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा है कि पीड़ित के नाबालिग होने के कारण वह परिवीक्षा के लाभ का अधिकारी नहीं है.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शिवानी चौहान ने पीड़ित और शिकायत दर्ज कराने वाली उसकी मां के बयानों के आधार पर दक्षिण दिल्ली में बदरपुर के निवासी हरि ओम को जेल की सजा सुनाई.
सजा सुनाते हुए मजिस्ट्रेट ने कहा, 'साक्ष्य के आधार पर मेरी यह राय है कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ मामले को साबित किया है. भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (छेड़छाड़) के साथ-साथ 451 (घर में जबरन घुसने) के तहत आरोपी को दोषी करार दिया जाता है.'
उन्होंने कहा, 'इसी तरह के अपराध के लिए पूर्व में अभियुक्त को दोषी नहीं ठहराया गया हालांकि, जिस तरह का अपराध उसने किया है और पीड़िता के नाबालिग होने को देखते हुए अभियुक्त को परिवीक्षा का लाभ देना उचित नहीं लग रहा है.'
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, एक अप्रैल 2012 की रात में जब पीड़ित अपने भाई-बहनों के साथ अपने घर में सो रही थी, तभी अभियुक्त घर में घुस आया, उसका मुंह दबाया और उसके घर में उसका उत्पीड़न किया.
जब लड़की ने शोर मचाया तो पड़ोसी जमा हो गए और बाद में उसकी मां को सूचना दी, जिसने तीन दिनों के बाद पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई. मामले में 15 मई 2012 को एक एफआईआर दर्ज की गई.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शिवानी चौहान ने पीड़ित और शिकायत दर्ज कराने वाली उसकी मां के बयानों के आधार पर दक्षिण दिल्ली में बदरपुर के निवासी हरि ओम को जेल की सजा सुनाई.
सजा सुनाते हुए मजिस्ट्रेट ने कहा, 'साक्ष्य के आधार पर मेरी यह राय है कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ मामले को साबित किया है. भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (छेड़छाड़) के साथ-साथ 451 (घर में जबरन घुसने) के तहत आरोपी को दोषी करार दिया जाता है.'
उन्होंने कहा, 'इसी तरह के अपराध के लिए पूर्व में अभियुक्त को दोषी नहीं ठहराया गया हालांकि, जिस तरह का अपराध उसने किया है और पीड़िता के नाबालिग होने को देखते हुए अभियुक्त को परिवीक्षा का लाभ देना उचित नहीं लग रहा है.'
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, एक अप्रैल 2012 की रात में जब पीड़ित अपने भाई-बहनों के साथ अपने घर में सो रही थी, तभी अभियुक्त घर में घुस आया, उसका मुंह दबाया और उसके घर में उसका उत्पीड़न किया.
जब लड़की ने शोर मचाया तो पड़ोसी जमा हो गए और बाद में उसकी मां को सूचना दी, जिसने तीन दिनों के बाद पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई. मामले में 15 मई 2012 को एक एफआईआर दर्ज की गई.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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