राजेंद्र कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सबसे ताकतवर सचिव राजेंद्र कुमार कांग्रेस की सरकार में भी अहम पदों पर रहे हैं। इसी के चलते अब केजरीवाल सरकार को राजेंद्र कुमार का बचाव करने में दिक्कत आ रही है। आखिर कौन हैं राजेंद्र कुमार और कैसे वे हर सरकार में अहम पदों पर अपनी जगह बना लेते हैं?
आईआईटी में केजरीवाल के सीनियर
आईआईटी खड़गपुर के छात्र रहे राजेंद्र कुमार को केजरीवाल का सीनियर भी बताया जाता है। आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरगिं करने वाले राजेंद्र कुमार 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। शीला दीक्षित सरकार में हमेशा महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहने वाले राजेंद्र कुमार शीला दीक्षित के भी खासमखास अधिकारी रहे हैं। कभी किसी के दबाव में न आने वाले अधिकारी कहे जाने वाले राजेंद्र कुमार शीला सरकार में शिक्षा निदेशक,पावर सेक्रेटरी, सेक्रेटरी हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, आईटी सक्रेटरी रहे और 2014 में मुख्यमंत्री के सचिव भी बने। उनकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चाहे वे किसी भी विभाग में रहें चलती उन्हीं की थी।
2006 में मंत्री से भिड़ गए थे
दिल्ली सरकार में 2006 में शिक्षा निदेशक रहते हुए उनकी एक बार शीला सरकार के चहेते शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली से ठन गई। मामला इतना बढ़ा कि मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से की। इसके बावजूद राजेंद्र कुमार का कुछ नहीं हुआ। लेकिन संचार सेवा के एक अधिकारी आशीष जोशी से पंगा लेना राजेंद्र कुमार को भारी पड़ गया। दिल्ली डॉयलॉग कमीशन में सचिव के पद पर तैनात रहे आशीष जोशी का जब आशीष खेतान से मतभेद हुए तो राजेंद्र कुमार ने ही रात में उन्हें फोन पर पद से हटने को कहा था। जब आशीष जोशी ने कहा कि वे तब तक नहीं हटेंगे जब तक दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नहीं कहेंगे।
आशीष जोशी से पंगा महंगा पड़ा
सूत्र बताते हैं कि जोशी का जवाब सुनकर रात नौ बजे राजेंद्र कुमार ने रिलीविंग की चिट्टी चपरासी के हाथ भेज दी। इतना दबदबा शायद ही किसी अधिकारी का दिल्ली सरकार में रहा हो। इसी जलालत के बाद आशीष जोशी ने अपने वरिष्ठ अधिकारी राजेंद्र कुमार को खुलेआम चुनौती, दी साथ ही उनकी शिकायतें एसीबी से लेकर सीबीआई तक की। अब उन्हीं शिकायतों को हथियार बनाकर सीबीआई ने राजेंद्र कुमार को घेर लिया है।
करियर पर लगा दाग
इतना साफ है कि इतने हाईप्रोफाइल अधिकारी रहने के बाद अब सीबीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके, दफ्तर और घर पर छापेमारी से फिलहाल राजेंद्र कुमार के शानदार रिकॉर्ड में दाग तो लगा ही दिया है। भविष्य में भले ही वे पाक साफ निकल आएं।
आईआईटी में केजरीवाल के सीनियर
आईआईटी खड़गपुर के छात्र रहे राजेंद्र कुमार को केजरीवाल का सीनियर भी बताया जाता है। आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरगिं करने वाले राजेंद्र कुमार 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। शीला दीक्षित सरकार में हमेशा महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहने वाले राजेंद्र कुमार शीला दीक्षित के भी खासमखास अधिकारी रहे हैं। कभी किसी के दबाव में न आने वाले अधिकारी कहे जाने वाले राजेंद्र कुमार शीला सरकार में शिक्षा निदेशक,पावर सेक्रेटरी, सेक्रेटरी हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, आईटी सक्रेटरी रहे और 2014 में मुख्यमंत्री के सचिव भी बने। उनकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चाहे वे किसी भी विभाग में रहें चलती उन्हीं की थी।
2006 में मंत्री से भिड़ गए थे
दिल्ली सरकार में 2006 में शिक्षा निदेशक रहते हुए उनकी एक बार शीला सरकार के चहेते शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली से ठन गई। मामला इतना बढ़ा कि मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से की। इसके बावजूद राजेंद्र कुमार का कुछ नहीं हुआ। लेकिन संचार सेवा के एक अधिकारी आशीष जोशी से पंगा लेना राजेंद्र कुमार को भारी पड़ गया। दिल्ली डॉयलॉग कमीशन में सचिव के पद पर तैनात रहे आशीष जोशी का जब आशीष खेतान से मतभेद हुए तो राजेंद्र कुमार ने ही रात में उन्हें फोन पर पद से हटने को कहा था। जब आशीष जोशी ने कहा कि वे तब तक नहीं हटेंगे जब तक दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नहीं कहेंगे।
आशीष जोशी से पंगा महंगा पड़ा
सूत्र बताते हैं कि जोशी का जवाब सुनकर रात नौ बजे राजेंद्र कुमार ने रिलीविंग की चिट्टी चपरासी के हाथ भेज दी। इतना दबदबा शायद ही किसी अधिकारी का दिल्ली सरकार में रहा हो। इसी जलालत के बाद आशीष जोशी ने अपने वरिष्ठ अधिकारी राजेंद्र कुमार को खुलेआम चुनौती, दी साथ ही उनकी शिकायतें एसीबी से लेकर सीबीआई तक की। अब उन्हीं शिकायतों को हथियार बनाकर सीबीआई ने राजेंद्र कुमार को घेर लिया है।
करियर पर लगा दाग
इतना साफ है कि इतने हाईप्रोफाइल अधिकारी रहने के बाद अब सीबीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके, दफ्तर और घर पर छापेमारी से फिलहाल राजेंद्र कुमार के शानदार रिकॉर्ड में दाग तो लगा ही दिया है। भविष्य में भले ही वे पाक साफ निकल आएं।
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