पीएम मोदी ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली के अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत झुग्गी झोपड़ी (जेजे) समूहों के निवासियों के लिए 1,675 फ्लैटों का उद्घाटन किया और पात्र लाभार्थियों को इनकी चाबियां भी सौंपी. प्रधानमंत्री ने इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय में 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तीन नयी परियोजनाओं की आधारशिला रखी. इनमें पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर, द्वारका में पश्चिमी परिसर और नजफगढ़ के रोशनपुरा में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त वीर सावरकर कॉलेज का भवन शामिल है.
नर्क में रहते थे आज स्वर्ग में जाएंगे...
जिन झुग्गीवासियों को सरकारी फ्लैट मिलने जा रहे हैं. उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि नर्क में रहते थे आज स्वर्ग में जाएंगे. जिन्हें ये फ्लैट मिले हैं, उनमें दिहाड़ी मजदूरी करने वालों से लेकर फलों का ठेला लगाने वाले भी शामिल है. ये लोग जिन झुग्गियों में रह रहे थे, उनमें किसी तरह की सुविधा नहीं है. दिल्ली में 40 फ़ीसदी लोग अवैध कॉलोनियों या झुग्गियों में रहते हैं. पहले गोविंदपुरी और अब अशोक विहार में फ्लैट्स दिए जा रहे हैं.
लाभार्थियों को फ्लैट की चाबियां सौंपेंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी दिल्ली ने अशोक विहार में स्वाभिमान अपार्टमेंट में झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास परियोजना के तहत झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के लिए बने नए फ्लैटों का दौरा किया. इसके बाद लाभार्थियों को चाबियां सौंपी तथा 1,675 फ्लैटों का उद्घाटन किया. पीएमओ ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री की 'सभी के लिए आवास' पहल के अनुरूप है. परियोजना का उद्देश्य दिल्ली में जेजे क्लस्टरों के निवासियों को पर्याप्त सुविधाओं से सुसज्जित बेहतर और स्वस्थ रिहायशी वातावरण प्रदान करना है. केंद्र सरकार द्वारा एक फ्लैट के निर्माण पर 25 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं. पात्र लाभार्थी कुल राशि का सात प्रतिशत से कम भुगतान करते हैं, जिसमें मामूली योगदान के रूप में 1.42 लाख रुपये और रखरखाव के पांच साल के लिए 30,000 रुपये शामिल हैं.
डब्ल्यूटीसी, जीपीआरए टाइप-2 क्वार्टर का भी उद्घाटन
पीएम मोदी ने शुक्रवार को दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं- नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी) और सरोजिनी नगर में जनरल पूल आवासीय आवास (जीपीआरए) टाइप-2 क्वार्टर का भी उद्घाटन किया. नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 600 से ज़्यादा क्वार्टरों को मॉडर्न कमर्शियल टावरों से बदलकर इस क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है तथा इससे उन्नत सुविधाओं के साथ लगभग 34 लाख वर्ग फ़ीट प्रीमियम कमर्शियल प्लेस उपलब्ध हुआ है. इस परियोजना में हरित भवन कार्यप्रणालियों को शामिल किया गया है, जिसमें शून्य-निर्वहन अवधारणा, सौर ऊर्जा उत्पादन और वर्षा जल संचयन प्रणाली जैसे प्रावधान शामिल हैं. सरोजिनी नगर में जीपीआरए टाइप-II क्वार्टर में 28 टावर शामिल हैं, जिनमें 2,500 से अधिक आवासीय इकाइयां हैं और इनमें आधुनिक सुविधाओं और स्थल का कुशल उपयोग किया गया हैं.
द्वारका में सीबीएसई के ऑफिस कॉम्पलेक्स का भी उद्घाटन
परियोजना के डिजाइन में वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज और जल उपचार संयंत्र तथा सौर ऊर्जा से चलने वाले अपशिष्ट कॉम्पैक्टर शामिल हैं जो पर्यावरण के प्रति जागरूक जनजीवन को प्रोत्साहित करते हैं. प्रधानमंत्री ने दिल्ली के द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन किया, जिस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसमें कार्यालय, ऑडिटोरियम, उन्नत डेटा सेंटर, व्यापक जल प्रबंधन प्रणाली आदि शामिल हैं. पीएमओ ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल इस इमारत का निर्माण उच्च पर्यावरणीय मानकों के अनुसार किया गया है और इसे भारतीय हरित भवन परिषद (आईजीबीसी) के प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार निर्मित किया गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं