सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में सम-विषम योजना के दूसरे दिन वायु की गुणवत्ता 'बहुत खराब' रही, जबकि अधिकारियों ने एक जनवरी को वाहन प्रतिबंधों के प्रभाव पर विरोधाभासी रिपोर्ट जारी की, ऐसा मुख्यत: विभिन्न तुलनात्मक मानकों के कारण हुआ।
दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी करके कहा कि प्रदूषण के स्तर में पूर्ववर्ती वर्ष की तुलना में 'उल्लेखनीय कमी' दिखी, जबकि टेरी ने कहा कि प्रदूषण का स्तर 31 दिसम्बर से ज्यादा था और यह निर्धारित सीमा से अधिक था।
टेरी ने कहा, 'चार स्थानों (मंदिर मार्ग, आरके पुरम, पंजाबी बाग और आनंद विहार) पर 24 घंटे औसत सघनता देखी गई और पीएम10, पीएम2.5 और एनओएक्स संघनता सुरक्षित मानकों से क्रमश: 5.4, 5.1 और 1.5 गुणा अधिक पायी गई।' सरकार ने कहा कि शहर में पीएम2.5 24 स्थानों पर मापा गया और यह 121 से 226 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहा। पिछले वर्ष इसी तिथि को पीएम2.5 करीब 250 के आसपास रहा।
शुक्रवार के विपरीत प्रदूषकों की सघनता की प्रतिघंटा औसत ग्राफ में दोपहर दो बजे के बाद कोई बढ़ोतरी का रुख नहीं दिखा। यह शाम छह बजे तक करीब 190 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। जब कण का स्तर 120 और 250 के बीच होता है तो भारतीय अधिकारी वायु की गुणवत्ता को 'बहुत खराब' मानते हैं और उससे उपर 'गंभीर' श्रेणी में आता है।
टेरी ने कहा कि पीएम2.5 सघनता पिछले सप्ताह की तुलना में एक जनवरी को अधिकतम पायी गई। ऐसा जाहिर तौर पर हवा की कम गति जैसे प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के चलते हुआ।
सरकार ने कहा कि दिल्ली शहर के भीतर वायु प्रदूषण स्तर में 'गिरावट का रुख' दिख रहा है, लेकिन दिल्ली के सीमाई क्षेत्रों में उच्च प्रदूषण स्तर दिख रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी करके कहा कि प्रदूषण के स्तर में पूर्ववर्ती वर्ष की तुलना में 'उल्लेखनीय कमी' दिखी, जबकि टेरी ने कहा कि प्रदूषण का स्तर 31 दिसम्बर से ज्यादा था और यह निर्धारित सीमा से अधिक था।
टेरी ने कहा, 'चार स्थानों (मंदिर मार्ग, आरके पुरम, पंजाबी बाग और आनंद विहार) पर 24 घंटे औसत सघनता देखी गई और पीएम10, पीएम2.5 और एनओएक्स संघनता सुरक्षित मानकों से क्रमश: 5.4, 5.1 और 1.5 गुणा अधिक पायी गई।' सरकार ने कहा कि शहर में पीएम2.5 24 स्थानों पर मापा गया और यह 121 से 226 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहा। पिछले वर्ष इसी तिथि को पीएम2.5 करीब 250 के आसपास रहा।
शुक्रवार के विपरीत प्रदूषकों की सघनता की प्रतिघंटा औसत ग्राफ में दोपहर दो बजे के बाद कोई बढ़ोतरी का रुख नहीं दिखा। यह शाम छह बजे तक करीब 190 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। जब कण का स्तर 120 और 250 के बीच होता है तो भारतीय अधिकारी वायु की गुणवत्ता को 'बहुत खराब' मानते हैं और उससे उपर 'गंभीर' श्रेणी में आता है।
टेरी ने कहा कि पीएम2.5 सघनता पिछले सप्ताह की तुलना में एक जनवरी को अधिकतम पायी गई। ऐसा जाहिर तौर पर हवा की कम गति जैसे प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के चलते हुआ।
सरकार ने कहा कि दिल्ली शहर के भीतर वायु प्रदूषण स्तर में 'गिरावट का रुख' दिख रहा है, लेकिन दिल्ली के सीमाई क्षेत्रों में उच्च प्रदूषण स्तर दिख रहे हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं