विज्ञापन
This Article is From Jul 21, 2017

जानिए, कैसे रामनाथ कोविंद की जीत ने दिलाई अरविंद केजरीवाल को राहत!

दिल्ली में आप के केवल 2 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जबकि पार्टी के निलंबित विधायकों की संख्या ही इससे ज़्यादा थी.

जानिए, कैसे रामनाथ कोविंद की जीत ने दिलाई अरविंद केजरीवाल को राहत!
आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल का फाइल फोटो...
  • दिल्ली में आप के केवल 2 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की.
  • इन दो विधायकों में भी एक विधायक कपिल मिश्रा हो सकते हैं.
  • दूसरे विधायक आसिम अहमद खान या संदीप कुमार हो सकते हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने भले ही राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जगह विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को समर्थन का ऐलान किया था... रामनाथ कोविंद चुनाव जीत गए और उनकी जीत ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को राहत दिलाई है, क्योंकि जितने बड़े पैमाने पर चुनाव में आप विधायकों की क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई जा रही थी वैसा कुछ हुआ ही नहीं.

दिल्ली में आप के केवल 2 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जबकि पार्टी के निलंबित विधायकों की संख्या ही इससे ज़्यादा थी. इन दो विधायकों में भी एक विधायक कपिल मिश्रा हो सकते हैं, जिन्होंने खुले तौर पर रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया था. दूसरे विधायक आसिम अहमद खान या संदीप कुमार हो सकते हैं, क्योंकि इन दोनों को केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया था. हालांकि ये बात पुख्ता तौर से नहीं कही जा सकती, केवल चर्चा के तौर पर ये नाम चल रहे हैं.

ये भी पढ़ें...
रामनाथ कोविंद के शपथग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार

दिल्ली विधानसभा में कुल 70 विधायक हैं. बवाना की सीट खाली होने के चलते केवल 69 विधायकों ने वोट डालना था. आप के सौरभ भारद्वाज और देवेंद्र सहरावत ने वोट नहीं डाला था, जिससे कुल 67 वोट पड़े. इन 67 में से 6 वोट रामनाथ कोविंद को पड़े, जबकि बीजेपी के दिल्ली में केवल 4 विधायक हैं. 55 वोट मीरा कुमार को मिले, जबकि 6 वोट अवैध घोषित किए गए... जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी के 20 विधायक हैं. वहां से क्रॉस वोटिंग की कोई खबर नहीं आई. केवल एचएस फुल्‍का ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया, क्योंकि उनके मुताबिक वो 1984 के पीड़ितों की लड़ाई लड़ रहे हैं और ऐसे में वो कांग्रेस उम्मीदवार को वोट नहीं दे सकते, इसलिए उन्होंने पहले ही वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया था. सूबे में आम आदमी पार्टी की सहयोगी बैंस बंधुओं की लोक इंसाफ पार्टी ने पहले ही रामनाथ कोविंद को वोट देने का ऐलान किया था. 

ये भी पढ़ें...
नव निर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को देशभर से मिलीं बधाइयां

ये वो समय था जब अरविंद केजरीवाल बेहद कमजोर स्थिति में थे. पंजाब और दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार ने केजरीवाल का मनोबल तोड़ा. कुमार विश्वास के साथ विवाद ने पार्टी में एक लकीर खींची. अरविंद केजरीवाल की सरकार का तख्तापलट की बातें भी की जाने लगीं. पार्टी आलाकमान की विधायकों से नाराजगी और विधायकों की आलाकमान से नाराजगी साफ़ दिख रही थी और निलंबित विधायक कपिल मिश्रा के आरोपों ने भी पार्टी की किरकिरी अलग कराई हुई थी.. ऐसे में बड़ी क्रॉस वोटिंग की आशंका थी, जो बिल्कुल नहीं हुई, बल्कि यूं कहें इस चुनाव के ज़रिए केजरीवाल अपने विधायकों को काफ़ी हद तक अपने साथ दिखाने में कामयाब हुए हैं.

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com