पुलिस की गिरफ्त में 4 आरोपी
नई दिल्ली:
दिल्ली में अब तक के सबसे बड़े 50 करोड़ की फिरौती के मामले का पर्दाफ़ाश कर चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
दिल्ली के सुभाष प्लेस इलाके में 27 सितंबर को अपनी बीएमडब्ल्यू कार से बीस साल का कार्तिक अपने घर जा रहा था. अचानक एक बाइक पर पुलिस की वर्दी पहने लोगों ने उसे रोका. उनके हाथ में ट्रैफ़िक चालान की मशीन और एक वॉकी टॉकी सेट था. उन्होंने रेडलाइट जंप की बात कहकर उसे धमकाया. इतने में स्कॉर्पियों में सवार कुछ लड़के आए और भीड़ भरे इलाके से कार्तिक को कार समेत अगवा कर लिया.
बीबीए कर रहा कार्तिक पूर्व पार्षद शंभू शर्मा का बेटा है. क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट सीपी रविंद्र यादव के मुताबिक कार्तिक को अगवा करने के बाद आरोपियों ने उसे हरियाणा और राजस्थान में कई जगहों पर रखा. उन्हें पता था कि कार्तिक के पिता के पास अच्छा ख़ासा पैसा है. अपहरणकर्ता बेटे को छोड़ने के एवज में शंभू शर्मा से 50 करोड़ की फिरौती मांग रहे थे. लेकिन बात एक करोड़ पर बनी.
तीन अक्टूबर को जब कार्तिक के पिता ने ये पैसा दिया तो अपहरणकर्ताओं ने कार्तिक को गुड़गांव से एक टैक्सी में बिठाकर छोड़ दिया. पुलिस की दलील है कि उस समय आरोपियों को वो इसलिए नहीं पकड़ सकी क्योंकि लड़के की जान को ख़तरा था.
शंभू शर्मा से बेटे को छोड़ने के एवज में फिरौती मांग रहे अपहरणकर्ताओं आनंद, बच्चू, विक्रांत और सीतू को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. जबकि इनके क़रीब एक दर्जन साथी फ़रार हैं. मास्टरमाइंड मंजीत भी फरार है. पुलिस का कहना है कि ये पूरा गैंग दिल्ली और एनसीआर के टोल नाकों पर गुंडागर्दी करने वाले लड़कों का है.
दिल्ली के सुभाष प्लेस इलाके में 27 सितंबर को अपनी बीएमडब्ल्यू कार से बीस साल का कार्तिक अपने घर जा रहा था. अचानक एक बाइक पर पुलिस की वर्दी पहने लोगों ने उसे रोका. उनके हाथ में ट्रैफ़िक चालान की मशीन और एक वॉकी टॉकी सेट था. उन्होंने रेडलाइट जंप की बात कहकर उसे धमकाया. इतने में स्कॉर्पियों में सवार कुछ लड़के आए और भीड़ भरे इलाके से कार्तिक को कार समेत अगवा कर लिया.
बीबीए कर रहा कार्तिक पूर्व पार्षद शंभू शर्मा का बेटा है. क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट सीपी रविंद्र यादव के मुताबिक कार्तिक को अगवा करने के बाद आरोपियों ने उसे हरियाणा और राजस्थान में कई जगहों पर रखा. उन्हें पता था कि कार्तिक के पिता के पास अच्छा ख़ासा पैसा है. अपहरणकर्ता बेटे को छोड़ने के एवज में शंभू शर्मा से 50 करोड़ की फिरौती मांग रहे थे. लेकिन बात एक करोड़ पर बनी.
तीन अक्टूबर को जब कार्तिक के पिता ने ये पैसा दिया तो अपहरणकर्ताओं ने कार्तिक को गुड़गांव से एक टैक्सी में बिठाकर छोड़ दिया. पुलिस की दलील है कि उस समय आरोपियों को वो इसलिए नहीं पकड़ सकी क्योंकि लड़के की जान को ख़तरा था.
शंभू शर्मा से बेटे को छोड़ने के एवज में फिरौती मांग रहे अपहरणकर्ताओं आनंद, बच्चू, विक्रांत और सीतू को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. जबकि इनके क़रीब एक दर्जन साथी फ़रार हैं. मास्टरमाइंड मंजीत भी फरार है. पुलिस का कहना है कि ये पूरा गैंग दिल्ली और एनसीआर के टोल नाकों पर गुंडागर्दी करने वाले लड़कों का है.
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