फाइल फोटो
नई दिल्ली:
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 9 जनवरी से शुरू हो रहा है। मेले की थीम 'भारत की सांस्कृतिक धरोहर' रखी गई है। इस वर्ष मेले में चीन विशिष्ट अतिथि देश होगा। नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने शुक्रवार को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, 'इस वर्ष मेले में चीन विशिष्ट अतिथि देश होगा। प्राचीन काल से ही भारत तथा चीन के सांस्कृतिक संबंध आत्मीय रहे हैं और आज भी उष्मा के साथ बने हुए हैं। मुझे आशा है कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला पुस्तकों के माध्यम से दोनों देशों में परस्पर सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगा।
शर्मा ने बताया कि इस वर्ष मेले की थीम 'भारत की सांस्कृतिक धरोहर' है जिसे पुस्तकों के जरिए पाठकों के बीच प्रस्तुत किया जाएगा। थीम मंडप में प्राचीन काल से वर्तमान तक की सांस्कृतिक यात्रा को भोज-पत्र से ई-बुक्स तक प्रस्तुत किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि थीम पैवेलियन में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें पैनल चर्चाएं, जयदेव, गीतगोविंद, सिंधी ग्रंथ, शाह जो रसालो व विद्यापति की रचनाओं जैसे भारतीय शास्त्रीय ग्रंथों पर आधारित नाट्य प्रदर्शन आदि शामिल हैं।
शर्मा ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी के विशेष सहयोग से एनबीटी द्वारा नए लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए 'नवलेखन पुस्तकमाला' नाम से एक नई पुस्तकमाला की शुरुआत भी की गई है।
एनबीटी की निदेशक, डॉ. रीता चौधरी ने कहा कि मेले में पुस्तक-प्रेमियों, लेखकों तथा प्रकाशकों के लिए 500 से अधिक साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मेले में प्रख्यात लेखक नामवर सिंह, चित्रा मुद्गल, चंद्रकांता पुस्तक-प्रेमियों के साथ संवाद करेंगे।
विशिष्ट देश चीन का प्रतिनिधित्व कर रहीं लिन लिइंग ने कहा, 'हमें प्रसन्नता है कि वर्ष 2010 में भारत द्वारा बीजिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में अतिथि देश के रूप में भाग लिया गया था तथा छह वर्ष बाद हम यहां अतिथि देश के रूप में आए हैं। हमें आशा है कि इसके माध्यम से हम अपने परस्पर संबंधों को और अधिक मजबूत कर सकेंगे।'
उन्होंने यह भी बताया कि प्रकाशकों, लेखकों तथा अधिकारियों सहित 81 प्रकाशन गृहों तथा संगठनों से 255 प्रतिनिधि मेले में भाग लेंगे। चीन मंडप में अंग्रेजी, चीनी तथा हिंदी भाषा में 5000 से अधिक पुस्तकें प्रदर्शित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त चीन द्वारा नई दिल्ली तथा कोलकाता में 67 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। चीन मंडप में विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे-सांस्कृतिक तथा फोटो प्रदर्शनियां, चाइना टी-कल्चरल शो तथा चित्रकारों की पेंटिंग।
उन्होंने कहा, 'इस वर्ष मेले में चीन विशिष्ट अतिथि देश होगा। प्राचीन काल से ही भारत तथा चीन के सांस्कृतिक संबंध आत्मीय रहे हैं और आज भी उष्मा के साथ बने हुए हैं। मुझे आशा है कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला पुस्तकों के माध्यम से दोनों देशों में परस्पर सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगा।
शर्मा ने बताया कि इस वर्ष मेले की थीम 'भारत की सांस्कृतिक धरोहर' है जिसे पुस्तकों के जरिए पाठकों के बीच प्रस्तुत किया जाएगा। थीम मंडप में प्राचीन काल से वर्तमान तक की सांस्कृतिक यात्रा को भोज-पत्र से ई-बुक्स तक प्रस्तुत किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि थीम पैवेलियन में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें पैनल चर्चाएं, जयदेव, गीतगोविंद, सिंधी ग्रंथ, शाह जो रसालो व विद्यापति की रचनाओं जैसे भारतीय शास्त्रीय ग्रंथों पर आधारित नाट्य प्रदर्शन आदि शामिल हैं।
शर्मा ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी के विशेष सहयोग से एनबीटी द्वारा नए लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए 'नवलेखन पुस्तकमाला' नाम से एक नई पुस्तकमाला की शुरुआत भी की गई है।
एनबीटी की निदेशक, डॉ. रीता चौधरी ने कहा कि मेले में पुस्तक-प्रेमियों, लेखकों तथा प्रकाशकों के लिए 500 से अधिक साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मेले में प्रख्यात लेखक नामवर सिंह, चित्रा मुद्गल, चंद्रकांता पुस्तक-प्रेमियों के साथ संवाद करेंगे।
विशिष्ट देश चीन का प्रतिनिधित्व कर रहीं लिन लिइंग ने कहा, 'हमें प्रसन्नता है कि वर्ष 2010 में भारत द्वारा बीजिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में अतिथि देश के रूप में भाग लिया गया था तथा छह वर्ष बाद हम यहां अतिथि देश के रूप में आए हैं। हमें आशा है कि इसके माध्यम से हम अपने परस्पर संबंधों को और अधिक मजबूत कर सकेंगे।'
उन्होंने यह भी बताया कि प्रकाशकों, लेखकों तथा अधिकारियों सहित 81 प्रकाशन गृहों तथा संगठनों से 255 प्रतिनिधि मेले में भाग लेंगे। चीन मंडप में अंग्रेजी, चीनी तथा हिंदी भाषा में 5000 से अधिक पुस्तकें प्रदर्शित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त चीन द्वारा नई दिल्ली तथा कोलकाता में 67 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। चीन मंडप में विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे-सांस्कृतिक तथा फोटो प्रदर्शनियां, चाइना टी-कल्चरल शो तथा चित्रकारों की पेंटिंग।
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