- दिल्ली कैबिनेट ने जन विश्वास विधेयक को मंजूरी दे दी है जो छोटे अपराधों को दीवानी अपराधों में बदल देगा.
- यह विधेयक औद्योगिक, दुकानों और श्रम मामलों से संबंधित छोटे अपराधों को आर्थिक दंड से निपटाने को लेकर है.
- विधेयक का उद्देश्य छोटे अपराधों के लिए जेल सजा की बजाय आर्थिक दंड लागू कर न्यायालयों पर दबाव कम करना है.
दिल्ली जन विश्वास विधेयक को सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. इस विधेयक के तहत, औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, दुकानों और श्रम संबंधी मामलों समेत आठ श्रेणियों से संबंधित छोटे आपराधिक अपराधों को दीवानी अपराधों में परिवर्तित किया जाएगा. इस विधेयक का मकसद छोटे अपराधों को जेल की सजा के बजाय आर्थिक दंड के माध्यम से हल करना है.
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दिल्ली जन विश्वास विधेयक शीतकालीन सत्र में होगा पेश
कैबिनेट की मंजूरी के बाद, दिल्ली जन विश्वास विधेयक अब विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. इस बिल के जरिए दिल्ली सरकार राजधानी में व्यापार के माहौल को बेहतर बनाना चाहती है. साथ ही इसका मकसद ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा देना है. दिल्ली सरकार के मुताबिक, छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने से न्यायालयों पर दबाव कम पड़ेगा.
जन विश्वास विधेयक 2025 क्या है?
सरकार एक ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसका मकसद छोटे-मोटे अपराधों की सजा और दंड को कम करना है.यह विधेयक उन छोटी गलतियों के लिए सजा को हटाने या कम करने को लेकर है, जो पहले क्राइम माने जाती थीं. इस बिल से आम जनता और व्यापारियों में जेल जाने का डर कम होगा. इस बिल को जन विश्वास बिल 2025 नाम दिया गया है. दिल्ली सरकार का मकद इस बिल के जरिए आम लोगों और व्यापारियों की लाइफ आसान बनाना है.
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