जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद देश में कानून-व्यवस्था समान्य बने रहें इसके लिए सभी तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं. राजधानी दिल्ली में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन ने दिल्ली मेट्रो को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है. सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चलने वाली मेट्रो के संबंध में यह ताजा परामर्श जारी किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि कई स्टेशनों पर यात्रियों को सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा अतिरिक्त जांच से गुजरना पड़ेगा. अधिकारियों के अनुसार इसे संसद में जम्मू-कश्मीर पर हालिया घटनाक्रम और 15 अगस्त को होने वाले स्वतंत्रता दिवस जश्न के संदर्भ में जारी किया गया है. बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल नेटवर्क (डीएमआरसी) के 220 से अधिक स्टेशन हैं, जिनमें रोजाना करीब 28 लाख लोग यात्रा करते हैं.
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बता दें, सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन, जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है. जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायी वाली केंद्रशासित क्षेत्र होगा. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे.
शाह ने कहा कि विगत में 1950 और 1960 के दशकों में तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने इसी तरीके से अनुच्छेद 370 में संशोधन किया था. हमने भी यही तरीका अपनाया है. गृह मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद स्वयं भी जम्मू कश्मीर से आते हैं, उन्हें चर्चा में भाग लेकर राज्य के लोगों की समस्याओं को उजागर करना चाहिए. शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया . गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी.
शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिविजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी. गृह मंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे.'राज्यसभा में इस दौरान कांग्रेस समेत अधिकतर विपक्षी दलों ने विधेयक का विरोध करते हुए हंगामा किया और आसन के समक्ष धरने पर बैठ गये. हंगामे के दौरान ही पीडीपी के दो सदस्यों को सभापति एम वेंकैया नायडू के आदेश पर मार्शलों ने सदन से बाहर किया.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं