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This Article is From May 26, 2016

जानें कैसे दिल्ली में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद की बड़ी साज़िश हुई नाकाम

जानें कैसे दिल्ली में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद की बड़ी साज़िश हुई नाकाम
अब्दुल कादरी
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली एक बड़े आतंकी हमले से बाल बाल बच गयी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान से दिल्ली धमाके करने आए 2 आतंकी एक गलती कर बैठे और उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि 24 नवंबर 2015 को जैश के 2 आतंकी फ़र्ज़ी नाम से मेडिकल वीज़ा पर दिल्ली में दाखिल हुए। एक आतंकी ने खुद को मरीज़ बताने वाले दस्तावेजों में अपना नाम शोहेब अब्बास बताया जबकि उसका असली नाम अब्दुल कादरी था। 24 नवंबर से 5 दिसम्बर तक इनका ठिकाना कस्तूरबा निकेतन काम्प्लेक्स,लाजपत नगर रहा जहां यह किराए पर रहे, वहीं लाजपत मार्केट और जामा मस्जिद इलाके से इन दोनों ने IED बनाने का सामान ख़रीदा।दिसंबर के महीने तक इन लोगों ने 6 IED तैयार कर लीं थीं।
 
अब्दुल खान दुरानी

काबुल में पकड़े गए
एक IED का बिना विस्फोटक के ड्राई रन किया गया लेकिन उससे घर में आग लग गयी, डर के मारे इन लोगों ने सभी IED टॉयलेट में फ्लश कर दिए और वापस काबुल लौट गए। मार्च 2016 में दोनों को काबुल पुलिस ने विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया, दोनों की पहचान अब्दुल खान दुरानी और अब्दुल कादरी के रूप में हुई। इन्होंने पूछताछ में बताया की दिसंबर के महीने में ये लोग भारत गए थे। उसके बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का एक दल अफगानिस्तान गया जहां जांच में दोनों के दावे सही पाए गए। इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड पेशावर का मौलाना अब्दुल रहमान है। पूछताछ में पता चला कि आतंकियों के निशाने पर ताज महल, दिल्ली का इस्कॉन मंदिर और सेलेक्ट सिटी वॉक मॉल जैसी जगहें शामिल थीं।

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