प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में 2 घंटे से ज्यादा बिजली कटौती हुई तो बिजली कंपनियों को हर्जाना देना होगा. उप राज्यपाल अनिल बैजल ने इसकी अनुमति दे दी है कि अगर 2 घंटे से ज्यादा बिजली की कटौती हुई तो उपभोक्ता को उस इलाके में बिजली सप्लाई करने वाली बिजली कंपनी हर्जाना चुकाएगी.
इस बाबत बुधवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी अनिल बैजल से मुलाकात कर उनसे अनुमति ली. आधे घंटे तक चली बैठक के बाद केजरीवाल मीडिया से तो नहीं बोले, लेकिन खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी कि एलजी से अनुमति मिल गई है. हर्जाने का फैसला पिछले साल ही दिल्ली सरकार ने किया था, लेकिन उस वक्त एलजी से अनुमति न मिलने से यह लागू नहीं हो पाया था, लेकिन इस साल गर्मी बढ़ते ही बिजली कटौती के चलते सरकार ने बिजली कंपनियों को जवाबदेह बनाने के लिए फैसले के साथ साथ एलजी से अनुमति भी ली. अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही ये फैसला लागू हो जाएगा.
दरअसल, दिल्ली सरकार ने बिजली कंपनियों पर दो घंटे से ज्यादा की कटौती पर हर घंटे के हिसाब से जुर्माना लगाने का फैसला किया है. ये जुर्माना पहले दो घंटे में 50 रुपये और उसके बाद 100 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से ग्राहकों को बिजली बिल में ही दिया जाएगा.
फैसले के मुताबिक, विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत जुर्माना तय किया गया है. इसके मुताबिक, अब दो घंटे से ज्यादा के पावर कट की इजाजत नहीं दी जाएगी. अगर ट्रांसफार्मर फेल हो गया हो तो उस स्थिति में दो घंटे के अंदर इसे सुधारने या 72 घंटों में इसका कोई दूसरा विकल्प निकालना होगा. अगर पावर कंपनियां ऐसा करने में नाकाम रहती हैं तो उन्हें हर उपभोक्ता को पहले दो घंटों के लिए 50 रुपये और दो घंटों के बाद 100 रुपये प्रति घंटे का जुर्माना भरना पड़ेगा.
अगर किसी इलाके जिसके लिए कम से कम 100 घर के सब स्टेशन या ट्रांसफॉर्मर में आई खराबी को अगर दो घंटे में ठीक न किया तो भी ग्राहक को हर्जाना बिजली कंपनियों को देना होगा. अगर किसी ग्राहक के घर का फ्यूज उड़ा या सर्विस लाइन टूटी और 3 घंटे में इसे ठीक नहीं किया गया, तो 100 रुपये प्रतिघंटे का हर्जाना बिजली कंपनियां ग्राहक को देंगी. कंपनी को बिल में एडजस्ट करके हर्जाना देना होगा. 90 दिनों के अंदर उस बिजली कंपनी को जुर्माना की राशि देनी होगी.
इस बाबत बुधवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी अनिल बैजल से मुलाकात कर उनसे अनुमति ली. आधे घंटे तक चली बैठक के बाद केजरीवाल मीडिया से तो नहीं बोले, लेकिन खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी कि एलजी से अनुमति मिल गई है. हर्जाने का फैसला पिछले साल ही दिल्ली सरकार ने किया था, लेकिन उस वक्त एलजी से अनुमति न मिलने से यह लागू नहीं हो पाया था, लेकिन इस साल गर्मी बढ़ते ही बिजली कटौती के चलते सरकार ने बिजली कंपनियों को जवाबदेह बनाने के लिए फैसले के साथ साथ एलजी से अनुमति भी ली. अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही ये फैसला लागू हो जाएगा.
दरअसल, दिल्ली सरकार ने बिजली कंपनियों पर दो घंटे से ज्यादा की कटौती पर हर घंटे के हिसाब से जुर्माना लगाने का फैसला किया है. ये जुर्माना पहले दो घंटे में 50 रुपये और उसके बाद 100 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से ग्राहकों को बिजली बिल में ही दिया जाएगा.
फैसले के मुताबिक, विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत जुर्माना तय किया गया है. इसके मुताबिक, अब दो घंटे से ज्यादा के पावर कट की इजाजत नहीं दी जाएगी. अगर ट्रांसफार्मर फेल हो गया हो तो उस स्थिति में दो घंटे के अंदर इसे सुधारने या 72 घंटों में इसका कोई दूसरा विकल्प निकालना होगा. अगर पावर कंपनियां ऐसा करने में नाकाम रहती हैं तो उन्हें हर उपभोक्ता को पहले दो घंटों के लिए 50 रुपये और दो घंटों के बाद 100 रुपये प्रति घंटे का जुर्माना भरना पड़ेगा.
अगर किसी इलाके जिसके लिए कम से कम 100 घर के सब स्टेशन या ट्रांसफॉर्मर में आई खराबी को अगर दो घंटे में ठीक न किया तो भी ग्राहक को हर्जाना बिजली कंपनियों को देना होगा. अगर किसी ग्राहक के घर का फ्यूज उड़ा या सर्विस लाइन टूटी और 3 घंटे में इसे ठीक नहीं किया गया, तो 100 रुपये प्रतिघंटे का हर्जाना बिजली कंपनियां ग्राहक को देंगी. कंपनी को बिल में एडजस्ट करके हर्जाना देना होगा. 90 दिनों के अंदर उस बिजली कंपनी को जुर्माना की राशि देनी होगी.
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