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This Article is From Oct 08, 2018

दिल्ली सरकार के GTB अस्पताल में आरक्षण का मामला, हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

दिल्ली के GTB अस्पताल में स्थानीय मरीजों को आरक्षण दिए जाने के मसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया.

दिल्ली सरकार के GTB अस्पताल में आरक्षण का मामला, हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
दिल्ली हाई कोर्ट की फाइल फोटो.
नई दिल्ली: दिल्ली के GTB अस्पताल में स्थानीय मरीजों को आरक्षण दिए जाने के मसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया. दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने  इस फैसले के पीछे की वजहों को कोर्ट के सामने रखा. उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी 1.9 करोड़ है और ये बहुत तेज़ी से बढ़ रही है. 2016 से लगातार शिकायत आ रही है कि डॉक्टरों के साथ मारपीट हो रही हैं क्योंकि बहुत भीड़ होती है. कोर्ट ने भी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कई बार कहा. इस नाते यह व्यवस्था की गई है. दिल्ली सरकार के वकील ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि सारे टेस्ट बाहर वालों के लिए बंद हो गए, बहुत से टेस्ट हो रहे हैं. 93 स्टैंडर्ड टेस्ट और 10 स्पेशल टेस्ट हो रहे हैं. किसी मरीज को इलाज के लिए मना नहीं किया जा रहा है और न ही भेदभाव हो रहा है. सभी इमरजेंसी केस लिए जा रहे हैं. 20 प्रतिशत बेड बाहर वालों के लिए रिज़र्व है.  कोई एक शिकायत भी नही आई है.  इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि फिर आपने ये सर्कुलर क्यों निकाला. आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?स्वास्थ्य सेवा तो सबके लिए बराबर होनी चाहिए.

दिल्‍ली के मरीजों के लिए आरक्षण का असर : अस्पताल में भीड़ कम, दूसरे में शिफ़्ट!

 दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा दूसरे राज्य भी तो काम करें.हम केंद्र सरकार नहीं हैं.हर राज्य की अपनी सीमाएं हैं. हमारे सरकारी अस्पताल भी प्राइवेट जैसे लगने चाहिए. AIIMS मुफ़्त इलाज क्यों नहीं देता? वो भी पैसे लेता है
कह देना आसान है लेकिन अच्छी स्वास्थ्य सेवा देने में मेहनत लगती है. कोर्ट देखे कि हम कितना बढ़िया काम कर रहे हैं
किसी को मना नहीं कर रहे, बस प्राथमिकता तय कर रहे हैं. महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भी इस तरह की योजना लागू की गई हैं. बंगाल में मुफ्त इलाज बंगाल वालों का हो रहा है जबकि महाराष्ट्र में बाहर वालों को सेवाओं के पैसे देने पड़ते हैं. कोर्ट- हम आपके जवाब को परखेंगे. संविधान के आर्टिकल 14 (समानता का अधिकार) और आर्टिकल 21(जीवन का अधिकार) के हिसाब से ये ठीक है या नहीं. राहुल मेहरा- क्या केंद्र सरकार तक सबको मुफ्त इलाज दे रही है? कोर्ट- हम यहां दूसरे विभाग की समस्या सुलझाने नहीं बैठे. उधर, याचिकाकर्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि ये आर्टिकल 14,21 के ख़िलाफ तो है ही साथ ही मानवता के ख़िलाफ़ भी है. सरकार क्या संदेश देना चाह रही है. 

वीडियो-GTB अस्पताल में दिल्ली वालों को आरक्षण 

 

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