कोरोनावायरस (Covid-19) के टेस्ट को लेकर ICMR के प्रोटोकॉल को नज़रंदाज़ करने के मामले में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 8 लैब को कारण बताओ नोटिस जारी किया. नोटिस में कहा गया कि अपना जवाब दें और बताएं कि क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए? दिलचस्प है कि ये नोटिस केंद्र के अधीन आने वाले नेशनल सेन्टर फ़ॉर डिजीज कंट्रोल यानी एनसीडीसी को भी दिया गया.
राजधानी में कोरोना के लगातार बढ़ते मामले और बेड्स जैसी समस्या के बीच दिल्ली सरकार 8 लैब को लेकर सख्त है. कारण बताओ नोटिस में कहा गया कि जो टेस्ट किये जा रहे हैं उनमें स्पर्शोन्मुख (asymotomatic) लोगों के टेस्ट ज़्यादा हैं और ये ICMR के टेस्टिंग प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.
सर गंगाराम अस्पताल पर 30, 31 मई और 1 जून के सैंपल कलेक्शन पर जवाब तलब किया गया. कहा गया काफी संख्या में asymptomatic के सैंपल लिए गए. वहीं, सिटी एक्स रे और स्कैन क्लिनिक प्रा. लि. से 30 और 31 मई को किये गए asymptomatic मरीज़ों के टेस्ट करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. सभी लैब को जारी नोटिस में कहा गया कि जवाब दें और कारण बताएं कि क्यों न आपके खिलाफ दिल्ली एपेडेमिक डिजीज रेगुलेशन 2020 के तहत करवाई की जाए. गंगाराम अस्पताल ने अपना जवाब दे दिया है. साथ ही फिलहाल सैंपल कलेक्शन पर रोक है.
इतना ही नहीं, कुछ को नोटिस इस बात को लेकर भी दिया गया कि कोरोना के टेस्टिंग रिजल्ट में काफी देरी भी हो रही है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने NDTV को बताया कि रिपोर्ट 24 घंटे में आना चाहिए. अगर वो 4-5-6 दिन में रिपोर्ट नहीं आ रही है. ऐसे में जो कोरोना हॉस्पिटल वो कहते हैं रिपोर्ट लाइये. बिना कोरोना वाले अस्पताल कहते हैं कि हो सकता है आपको कोरोना हो. दिक्कत है. पहले भी सख्त आदेश दिए गए थे. अब भी दिए गए हैं.
इन 8 लैब में केंद्र सरकार के नेशनल सेन्टर फ़ॉर डिजीज कंट्रोल भी शामिल है. NCDC ने जवाब दिया, 'ICMR प्रोटोकॉल की गाइड लाइन कलेक्शन सेन्टर पर लागू होती है.हम कलेक्शन सेन्टर नहीं. NCDC दिल्ली नहीं, केंद्र सरकार के अधीन है. हमारे यहां दिल्ली ही नहीं देश के दूसरे राज्यों से भी सैंपल आते हैं. हम ज़्यादा समय रिजल्ट देने में नहीं लेते. दवाब ज़्यादा हो तो देरी हो सकती है. पर 6 घंटे में भी हमने टेस्ट रिजल्ट दिया है.
इन सबके बीच अब दिल्ली सरकार ने कोरोना की टेस्टिंग को लेकर नई स्ट्रेटेजी भी जारी की है. दिल्ली में अब तक करीब सवा 2 लाख सैंपल की जांच हो चुकी है और राजधानी में 22 प्राइवेट लैब्स हैं जहां कोरोना की जांच होती है.
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