
जेएनयू का लापता छात्र नजीब अहमद (फाइल फोटो).
- मामला दक्षिण जिले से कल अपराध शाखा को हस्तांतरित किया गया
- लापता नजीब आब्सेसिव कम्पल्सिव डिसआर्डर एवं अवसाद से पीड़ित था
- नजीब की मां ने मामले की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया था
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नई दिल्ली:
जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा करेगी ताकि इस मामले पर ‘‘नए सिरे से गौर’’ किया जाए.
पुलिस (दक्षिण पूर्व) के संयुक्त आयुक्त आरपी उपाध्याय ने कहा कि इस संबंध में आदेश कल आया था. एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘नजीब की मां ने कुछ दिन पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और मामले की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया था. मामले को अलग नजरिए से देखने और सबूतों पर फिर से नजर डालने के लिए मामले को दक्षिण जिले से कल अपराध शाखा को हस्तांतरित किया गया.’’
गृह मंत्री द्वारा दिल्ली पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा को निर्देश दिए जाने के बाद नजीब (27) का पता लगाने के लिए एसआईटी का पिछले महीने गठन किया गया था. नजीब 15 अक्टूबर को लापता हो गया था. उसकी इससे एक रात पहले एबीवीपी के सदस्यों के साथ कथित हाथापाई हुई थी.
अतिरिक्त डीसीपी-द्वितीय (दक्षिण) मनीषी चंद्र के नेतृत्व में एसआईटी इस मामले में कोई ऐसा सुराग नहीं प्राप्त कर पाई जिसके आधार पर कोई कार्रवाई की जा सके.
विमहंस में एक चिकित्सक ने पुलिस को बताया था कि नजीब आब्सेसिव कम्पल्सिव डिसआर्डर (ओसीडी) एवं अवसाद से पीड़ित था जिसके बाद से एसआईटी नजीब के मामले पर नए सिरे से गौर कर रही थी. इसके बाद जांच में मनोरोग संबंधी पहलू मुख्य हो गया था. एसआईटी मामले में जांच की योजना तैयार करने के लिए एम्स एवं आरएमएल के मनोचिकित्सकों की मदद लेने पर विचार कर रही है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुलिस (दक्षिण पूर्व) के संयुक्त आयुक्त आरपी उपाध्याय ने कहा कि इस संबंध में आदेश कल आया था. एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘नजीब की मां ने कुछ दिन पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और मामले की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया था. मामले को अलग नजरिए से देखने और सबूतों पर फिर से नजर डालने के लिए मामले को दक्षिण जिले से कल अपराध शाखा को हस्तांतरित किया गया.’’
गृह मंत्री द्वारा दिल्ली पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा को निर्देश दिए जाने के बाद नजीब (27) का पता लगाने के लिए एसआईटी का पिछले महीने गठन किया गया था. नजीब 15 अक्टूबर को लापता हो गया था. उसकी इससे एक रात पहले एबीवीपी के सदस्यों के साथ कथित हाथापाई हुई थी.
अतिरिक्त डीसीपी-द्वितीय (दक्षिण) मनीषी चंद्र के नेतृत्व में एसआईटी इस मामले में कोई ऐसा सुराग नहीं प्राप्त कर पाई जिसके आधार पर कोई कार्रवाई की जा सके.
विमहंस में एक चिकित्सक ने पुलिस को बताया था कि नजीब आब्सेसिव कम्पल्सिव डिसआर्डर (ओसीडी) एवं अवसाद से पीड़ित था जिसके बाद से एसआईटी नजीब के मामले पर नए सिरे से गौर कर रही थी. इसके बाद जांच में मनोरोग संबंधी पहलू मुख्य हो गया था. एसआईटी मामले में जांच की योजना तैयार करने के लिए एम्स एवं आरएमएल के मनोचिकित्सकों की मदद लेने पर विचार कर रही है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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