Burari News: बुराड़ी केस अभी तक सुलझा नहीं है और पुलिस मामले की जांच कर रही है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत की गुत्थी अब तक नहीं सुलझी है. दिल्ली पुलिस और क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रहे हैं. सभी 11 लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें कहा गया है कि सभी की मौत फांसी के फंदे से हुई जबकि इससे पहले कहा जा रहा था कि एक बुज़ुर्ग महिला को गला दबाकर मारा गया था. वहीं भाटिया परिवार के करीबी और रिश्तेदार ये बात मानने को तैयार नहीं कि उन लोगों ने आत्महत्या की होगी. पुलिस अंधविश्वास समेत सभी ऐंगल पर मामले की जांच कर रही है. आइये आपको बताते हैं कि इस सनसनीखेज 'डेथ मिस्ट्री' में कब क्या हुआ.
बुराड़ी कांड: क्या सुलझ गई 11 लोगों की मौत की गुत्थी? ये हो सकता है 'मास्टरमाइंड'
01 जुलाई : बुराड़ी में भाटिया परिवार की दुकान सुबह 6 बजे तक खुल जाती थी, लेकिन जब सवा सात बजे तक दुकान नहीं खुली तो पड़ोसी गुरचरण सिंह घर के अंदर पहली मंजिल पर गए. वहां 11 शव देखकर वह हक्के-बक्के रह गए. उन्होंने थोड़ी देर बाद पुलिस को सूचना दी.
01 जुलाई : दिल्ली पुलिस को 7.30 बजे घटना की सूचना मिली. पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. जहां उन्हें 7 महिलाओं और 4 पुरुषों के शव मिले. 10 शव जाल से लटके थे. जबकि सबसे बुजुर्ग महिला का शव घर में पड़ा था.
01 जुलाई : मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की और कहा कि पहली नजर में सामूहिक आत्महत्या का मामला लगा रहा है, लेकिन हम हत्या के अन्य संभावित कोण से भी जांच कर रहे हैं. पुलिस को मृतकों के शरीर पर चोट के भी कोई निशान नहीं मिले और न ही उनकी किसी से रंजिश की बात पता चली.
01 जुलाई : पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि सभी सदस्यों के मुंह पर कपड़ा बंधा हुआ था और उसके नीचे रुई लगाई हुई थी. पुलिस को यह भी पता लगा कि परिवार काफी धार्मिक प्रवृत्ति का था और पूजा-पाठ में डूबा रहता था.
बुराड़ी कांड : 11 लोगों की मौत का सबसे बड़ा सच? क्या सिर्फ इस शख्स के चलते उठा लिया गया 'बड़ तपस्या' का कदम
01 जुलाई : पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि घर का मुख्य दरवाज खुला था और बाकी दरवाजे भी खुले थे, लेकिन घर में अब तक लूटपाट के सबूत नहीं मिले हैं. यह भी पता चला कि जिस जाल में शव लटके थे उसके ऊपर ही कुत्ता भी बंधा हुआ था, लेकिन उसके भौंकने की आवाज़ किसी ने नहीं सुनी.
01 जुलाई : शाम होते-होते पुलिस ने बुजुर्ग महिला के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज किया और मृतकों के पोस्टमॉर्टम के लिए डॉक्टरों का एक बोर्ड बनाया. इस बीच ये मामला दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को दे दिया गया.
01 जुलाई : इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत तमाम नेता भी मौके पर पहुंचे और मामले में तहकीकात की मांग की. शाम तक भाटिया परिवार के दूर के रिश्तेदार और अन्य लोग भी दिल्ली आ गए.
01 जुलाई : देर शाम को पुलिस ने जांच के दौरान 2 रजिस्टर बरामद किए. ये रजिस्टर मृतकों के नजदीक ही रखे थे. खास बात यह है कि दोनों रजिस्टर में मौत के वैसे ही तौर-तरीके लिखे थे जिस तरह से भाटिया परिवार का शव मिला. इसके बाद तंत्र-मंत्र की बात उभरकर सामने आई.
बुराड़ी में 11 मौतें: 11 पाइपों के बाद रोशनदान पर 11 एंगल का क्या है 'राज'?
02 जुलाई : जिन 11 लोगों के शव मिले थे उसमें दो नाबालिग लड़के भी शामिल थे. सुबह उनके एक दोस्त ने दावा कि उसने 30 जून की रात को उन दोनों को क्रिकेट खेलते हुये देखा था. सभी खुश नजर आ रहे थे.
02 जुलाई : रिश्तेदारों ने तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के चक्कर में आत्महत्या की खबरों को नकारा. उन्होंने कहा कि परिवार काफी पढ़ा लिखा था और वे आत्महत्या नहीं कर सकते हैं. उन्होंने हत्या की आशंका जताई.
02 जुलाई : इस बीच मृतकों में से एक प्रियंका की सगाई का एक वीडियो भी सामने आया. जिसमें परिवार के 4 बच्चे ध्रुव, शिवम, नीतू, मोनू जिनकी मौत हुई है, वो डांस कर रहे हैं. ये वीडियो 17 जून का बताया गया.
02 जुलाई : पुलिस को रजिस्टर मिले थे उसकी जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. यहां तक कि उसमें मौत का दिन आदि भी लिखा हुआ था. इसके बाद तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के चक्कर में आत्महत्या का शक और गहरा गया.
बुराड़ी कांड: 11 लोगों की मौत के मामले में 2 दिन में हुए ये 11 खुलासे
02 जुलाई : दोपहर बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई. जिसमें पता लगा कि सभी लोगों की मौत हैंगिंग यानी लटकने की वजह से हुई. शवों के दाह-संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई.
02 जुलाई : इस बीच जांच के दौरान जिस घर में 11 लोगों के शव मिले थे उसकी बाहरी दीवार पर 11 पाइप लगे मिले. इन 11 पाइपों से से 4 बड़ी हैं जो सीधी हैं, 7 अन्य पाइप का मुंह नीचे की ओर झुका है. इन पाइप के पीछे भी तंत्र मंत्र की बात सामने आई. बताया गया कि इन पाइपों को मृतकों में से ही एक ललित ने लगवाया था.
03 जुलाई : एक दिन पहले ही 11 पाइप के बाद घर की रोशनदान में 11 एंगल मिलने का भी मामला सामने आया. न तो घर में इस तरह की पाइप की जरूरत थी और न ही ऐसे रोशनदान की कोई खास वजह. इसके बाद तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास की अफवाहों को और बल मिला.
03 जुलाई : इस बीच अभी तक की जांच के बाद पुलिस मृतकों में से एक ललित को मास सुसाइड (सामूहिक आत्महत्या) का मास्टरमाइंड समझ रही है. बताया जा रहा है कि वो सपने में अपने पिता गोपालदास से बात करता था. जबकि गोपालदास की मौत 10 साल पहले हो चुकी है. पिता जैसा बोलते थे वो वो सारी बातें रजिस्टर में लिखता था. जैसे 'मैं कल या परसों आऊंगा, नहीं आ पाया तो फिर बाद में आऊंगा आदि.
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01 जुलाई : बुराड़ी में भाटिया परिवार की दुकान सुबह 6 बजे तक खुल जाती थी, लेकिन जब सवा सात बजे तक दुकान नहीं खुली तो पड़ोसी गुरचरण सिंह घर के अंदर पहली मंजिल पर गए. वहां 11 शव देखकर वह हक्के-बक्के रह गए. उन्होंने थोड़ी देर बाद पुलिस को सूचना दी.
01 जुलाई : दिल्ली पुलिस को 7.30 बजे घटना की सूचना मिली. पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. जहां उन्हें 7 महिलाओं और 4 पुरुषों के शव मिले. 10 शव जाल से लटके थे. जबकि सबसे बुजुर्ग महिला का शव घर में पड़ा था.
01 जुलाई : मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की और कहा कि पहली नजर में सामूहिक आत्महत्या का मामला लगा रहा है, लेकिन हम हत्या के अन्य संभावित कोण से भी जांच कर रहे हैं. पुलिस को मृतकों के शरीर पर चोट के भी कोई निशान नहीं मिले और न ही उनकी किसी से रंजिश की बात पता चली.
01 जुलाई : पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि सभी सदस्यों के मुंह पर कपड़ा बंधा हुआ था और उसके नीचे रुई लगाई हुई थी. पुलिस को यह भी पता लगा कि परिवार काफी धार्मिक प्रवृत्ति का था और पूजा-पाठ में डूबा रहता था.
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01 जुलाई : पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि घर का मुख्य दरवाज खुला था और बाकी दरवाजे भी खुले थे, लेकिन घर में अब तक लूटपाट के सबूत नहीं मिले हैं. यह भी पता चला कि जिस जाल में शव लटके थे उसके ऊपर ही कुत्ता भी बंधा हुआ था, लेकिन उसके भौंकने की आवाज़ किसी ने नहीं सुनी.
01 जुलाई : शाम होते-होते पुलिस ने बुजुर्ग महिला के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज किया और मृतकों के पोस्टमॉर्टम के लिए डॉक्टरों का एक बोर्ड बनाया. इस बीच ये मामला दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को दे दिया गया.
01 जुलाई : इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत तमाम नेता भी मौके पर पहुंचे और मामले में तहकीकात की मांग की. शाम तक भाटिया परिवार के दूर के रिश्तेदार और अन्य लोग भी दिल्ली आ गए.
01 जुलाई : देर शाम को पुलिस ने जांच के दौरान 2 रजिस्टर बरामद किए. ये रजिस्टर मृतकों के नजदीक ही रखे थे. खास बात यह है कि दोनों रजिस्टर में मौत के वैसे ही तौर-तरीके लिखे थे जिस तरह से भाटिया परिवार का शव मिला. इसके बाद तंत्र-मंत्र की बात उभरकर सामने आई.
बुराड़ी में 11 मौतें: 11 पाइपों के बाद रोशनदान पर 11 एंगल का क्या है 'राज'?
02 जुलाई : जिन 11 लोगों के शव मिले थे उसमें दो नाबालिग लड़के भी शामिल थे. सुबह उनके एक दोस्त ने दावा कि उसने 30 जून की रात को उन दोनों को क्रिकेट खेलते हुये देखा था. सभी खुश नजर आ रहे थे.
02 जुलाई : रिश्तेदारों ने तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के चक्कर में आत्महत्या की खबरों को नकारा. उन्होंने कहा कि परिवार काफी पढ़ा लिखा था और वे आत्महत्या नहीं कर सकते हैं. उन्होंने हत्या की आशंका जताई.
02 जुलाई : इस बीच मृतकों में से एक प्रियंका की सगाई का एक वीडियो भी सामने आया. जिसमें परिवार के 4 बच्चे ध्रुव, शिवम, नीतू, मोनू जिनकी मौत हुई है, वो डांस कर रहे हैं. ये वीडियो 17 जून का बताया गया.
02 जुलाई : पुलिस को रजिस्टर मिले थे उसकी जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. यहां तक कि उसमें मौत का दिन आदि भी लिखा हुआ था. इसके बाद तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के चक्कर में आत्महत्या का शक और गहरा गया.
बुराड़ी कांड: 11 लोगों की मौत के मामले में 2 दिन में हुए ये 11 खुलासे
02 जुलाई : दोपहर बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई. जिसमें पता लगा कि सभी लोगों की मौत हैंगिंग यानी लटकने की वजह से हुई. शवों के दाह-संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई.
02 जुलाई : इस बीच जांच के दौरान जिस घर में 11 लोगों के शव मिले थे उसकी बाहरी दीवार पर 11 पाइप लगे मिले. इन 11 पाइपों से से 4 बड़ी हैं जो सीधी हैं, 7 अन्य पाइप का मुंह नीचे की ओर झुका है. इन पाइप के पीछे भी तंत्र मंत्र की बात सामने आई. बताया गया कि इन पाइपों को मृतकों में से ही एक ललित ने लगवाया था.
03 जुलाई : एक दिन पहले ही 11 पाइप के बाद घर की रोशनदान में 11 एंगल मिलने का भी मामला सामने आया. न तो घर में इस तरह की पाइप की जरूरत थी और न ही ऐसे रोशनदान की कोई खास वजह. इसके बाद तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास की अफवाहों को और बल मिला.
03 जुलाई : इस बीच अभी तक की जांच के बाद पुलिस मृतकों में से एक ललित को मास सुसाइड (सामूहिक आत्महत्या) का मास्टरमाइंड समझ रही है. बताया जा रहा है कि वो सपने में अपने पिता गोपालदास से बात करता था. जबकि गोपालदास की मौत 10 साल पहले हो चुकी है. पिता जैसा बोलते थे वो वो सारी बातें रजिस्टर में लिखता था. जैसे 'मैं कल या परसों आऊंगा, नहीं आ पाया तो फिर बाद में आऊंगा आदि.
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