विजय गोयल ने 16 तारीख़ को नव निर्वाचित पार्षदों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया...
नई दिल्ली:
हमने अक्सर देखा है कि हार के बाद कई राजनीतिक पार्टियों के अंदर ही घमासान शुरू हो जाता है. जैसा कि हम आम आदमी पार्टी में इन दिनों दिखाई दे रहा है लेकिन MCD चुनावों में भारी जीत के बाद भी दिल्ली बीजेपी के अंदर ज़बरदस्त खींचतान चल रही है. ये लड़ाई दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी और विजय गोयल के बीच चल रही है. यह लड़ाई इतनी ज़्यादा बढ़ गई है कि केंद्रीय संगठन मंत्री रामलाल ने दिल्ली के संगठन मंत्री सिद्धारथन को मामला शांत कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी है.
खेमेबाज़ी तो पहले से ही चल रही थी. सूत्रों की मानें तो लड़ाई खुलकर तब सामने आ गई जब विजय गोयल ने 16 तारीख़ को नव निर्वाचित पार्षदों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया. मनोज तिवारी ने सम्मान समारोह में ख़ुद आने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं संगठन का प्रोग्राम न होने की बात कहकर पार्षदों को भी समारोह में भाग न लेने का फरमान जारी कर दिया. सूत्रों की मानें विजय गोयल के प्रोग्राम में जीते हुए 184 पार्षदों में से सिर्फ़ 26-30 पार्षद ही पहुंचे जिसमें जयप्रकाश, शिखा राय, नंदनी शर्मा प्रमुख हैं. इस पूरी खींचतान में दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू विजय गोयल के साथ नज़र आए.
सूत्रों के अनुसार, पहले मनोज तिवारी को बताया गया था कि प्रोग्राम नेहरू युवा केंद्र का है इसलिए उन्होंने हामी भर दी थी लेकिन जब उन्हें पता चला कि विजय गोयल पार्षदों को सम्मानित करेंगे तो उन्होंने प्रोग्राम में भाग लेने से इनकार कर दिया. मीडिया को भी पहले ये संदेश दिया गया था -
"*Press Invite*
Union Minister Vijay Goel to hold a Mega Swagat Samaroh for newly elected MCD councillors along with Delhi bjp president Manoj Tiwari at his official residence 10,Ashoka Rd. Tuesday 16 May 5PM. Plz cover"
लेकिन मनोज तिवारी की प्रतिक्रिया के बाद इस प्रोग्राम का नाम "स्लम आंदोलन" कर दिया गया जहां पार्षदों को एक स्लम गोद लेने की बात कही गई.
NDTV को मिली जानकारी के मुताबिक मनोज तिवारी ने व्यक्तिगत संदेश भेजकर भी विजय गोयल को उन्हें अन्य प्रोग्राम का नाम लेकर आमंत्रित करने की बात कही. मनोज तिवारी ने विजय गोयल की शिकायत आला क़मान से भी की है. सूत्रों का कहना है कि मनोज तिवारी ने अपने समर्थन में तर्क रखा है कि केंद्र में मंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद होने के बावजूद विजय गोयल प्रदेश में जीते हुए पार्षदों को सम्मानित करने का कोई औचित्य नहीं बनता.
पहले भी विजय गोयल के ऊपर दिल्ली के बीजेपी संगठन में हस्तक्षेप करने की बातें सामने आती रहीं हैं लेकिन इस बार मनोज तिवारी ने विजय गोयल के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है. मनोज तिवारी के नेतृत्व में ही बीजेपी ने निगम में लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है.
खेमेबाज़ी तो पहले से ही चल रही थी. सूत्रों की मानें तो लड़ाई खुलकर तब सामने आ गई जब विजय गोयल ने 16 तारीख़ को नव निर्वाचित पार्षदों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया. मनोज तिवारी ने सम्मान समारोह में ख़ुद आने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं संगठन का प्रोग्राम न होने की बात कहकर पार्षदों को भी समारोह में भाग न लेने का फरमान जारी कर दिया. सूत्रों की मानें विजय गोयल के प्रोग्राम में जीते हुए 184 पार्षदों में से सिर्फ़ 26-30 पार्षद ही पहुंचे जिसमें जयप्रकाश, शिखा राय, नंदनी शर्मा प्रमुख हैं. इस पूरी खींचतान में दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू विजय गोयल के साथ नज़र आए.
सूत्रों के अनुसार, पहले मनोज तिवारी को बताया गया था कि प्रोग्राम नेहरू युवा केंद्र का है इसलिए उन्होंने हामी भर दी थी लेकिन जब उन्हें पता चला कि विजय गोयल पार्षदों को सम्मानित करेंगे तो उन्होंने प्रोग्राम में भाग लेने से इनकार कर दिया. मीडिया को भी पहले ये संदेश दिया गया था -
"*Press Invite*
Union Minister Vijay Goel to hold a Mega Swagat Samaroh for newly elected MCD councillors along with Delhi bjp president Manoj Tiwari at his official residence 10,Ashoka Rd. Tuesday 16 May 5PM. Plz cover"
लेकिन मनोज तिवारी की प्रतिक्रिया के बाद इस प्रोग्राम का नाम "स्लम आंदोलन" कर दिया गया जहां पार्षदों को एक स्लम गोद लेने की बात कही गई.
NDTV को मिली जानकारी के मुताबिक मनोज तिवारी ने व्यक्तिगत संदेश भेजकर भी विजय गोयल को उन्हें अन्य प्रोग्राम का नाम लेकर आमंत्रित करने की बात कही. मनोज तिवारी ने विजय गोयल की शिकायत आला क़मान से भी की है. सूत्रों का कहना है कि मनोज तिवारी ने अपने समर्थन में तर्क रखा है कि केंद्र में मंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद होने के बावजूद विजय गोयल प्रदेश में जीते हुए पार्षदों को सम्मानित करने का कोई औचित्य नहीं बनता.
पहले भी विजय गोयल के ऊपर दिल्ली के बीजेपी संगठन में हस्तक्षेप करने की बातें सामने आती रहीं हैं लेकिन इस बार मनोज तिवारी ने विजय गोयल के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है. मनोज तिवारी के नेतृत्व में ही बीजेपी ने निगम में लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है.
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