
देविंदर सहरावत की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी ने अपने बागी विधायक देविंदर सहरावत को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. पार्टी की अनुशासन समिति ने यह निर्णय लिया. सहरावत ने पार्टी की पंजाब इकाई के नेताओं पर टिकट के बदले महिलाओं के शोषण का आरोप लगाया था. इसके बाद 'आप' की राज्य इकाई ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
सहरावत ने कहा था कि वह अपने पत्र में लिखे हुए एक-एक शब्द पर कायम हैं और जब मामला अदालत में आएगा तो हम उचित कार्रवाई करेंगे. बिजवासन के विधायक देविंदर सहरावत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की लगातार आलोचना कर रहे थे. उन्होंने पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किए पार्टी के 21 विधायकों को अगर अयोग्य ठहराया जाता है, तो इसके लिए वह 'जिम्मेदार' होंगे.
हाईकोर्ट ने 8 सितंबर के अपने आदेश में 'आप' सरकार द्वारा 21 विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति को गैर-कानूनी ठहरा दिया था, क्योंकि इसे दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं मिली थी.
सहरावत ने कहा था कि वह अपने पत्र में लिखे हुए एक-एक शब्द पर कायम हैं और जब मामला अदालत में आएगा तो हम उचित कार्रवाई करेंगे. बिजवासन के विधायक देविंदर सहरावत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की लगातार आलोचना कर रहे थे. उन्होंने पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किए पार्टी के 21 विधायकों को अगर अयोग्य ठहराया जाता है, तो इसके लिए वह 'जिम्मेदार' होंगे.
हाईकोर्ट ने 8 सितंबर के अपने आदेश में 'आप' सरकार द्वारा 21 विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति को गैर-कानूनी ठहरा दिया था, क्योंकि इसे दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं मिली थी.
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