- दिल्ली में गुरुवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 373 दर्ज हुआ जो बहुत खराब श्रेणी में आता है
- विशेषज्ञों का कहना है कि शहर पर छाया पीला धुआं स्मॉग है जो कोहरे और प्रदूषण का मिश्रण है
- आईएमडी के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते सुबह और देर शाम के समय धुंध छाए रहने की संभावना है
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को धुंध की चादर छाई रही. हवा की क्वालिटी ‘गंभीर' स्तर के करीब पहुंच गई. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 373 दर्ज किया गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. एक दिन दिल्ली का एक्यूआई 279 था. स्मॉग की वजह से दृश्यता भी काफी घट गई. बढ़े प्रदूषण से काफी लोगों को आंखों में जलन और खांसी जैसी परेशानियां आईं.

पूरे हफ्ते धुंध छाए रहने की संभावना
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पीएम 2.5 का स्तर 184.4 और पीएम 10 का स्तर 301.9 दर्ज किया. सीपीसीबी ने बताया कि शहर के 38 निगरानी स्टेशनों में से 37 ने 300 से ऊपर वायु गुणवत्ता दर्ज की, जो ‘बहुत खराब' श्रेणी में आती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी परिस्थितियों की वजह से प्रदूषण को जमीन के आसपास छाया हुआ है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते सुबह और देर शाम धुंध छाए रहने की संभावना है क्योंकि पृथ्वी की सतह के पास प्रदूषणकारी तत्व जमा होते जा रहे हैं.
कहां-कितना रहा AQI?
- विवेक विहार (426), आनंद विहार (415), अशोक विहार (414), बवाना (411), वजीरपुर (419) और सोनिया विहार (406) में एयर क्वालिटी ‘गंभीर' रही.
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के नोएडा में एक्यूआई 372, गाजियाबाद में 364, ग्रेटर नोएडा में 330, गुरुग्राम में 248 और फरीदाबाद में 166 दर्ज किया गया.
- सीपीसीबी के अनुसार, 50 तक एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 से 200 के बीच ‘मध्यम', 201 से 300 के बीच ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर' माना जाता है.

क्यों छाई आसमान में पीली धुंध?
मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर के महेश पलावत ने बताया कि न्यूनतम तापमान में गिरावट धुंध की परत बनाने में मदद करती है क्योंकि प्रदूषण निचले वायुमंडल में इकट्ठा हो जाता है. उनके अनुसार, पूर्व दिशा से दो किमी से पांच किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं और आर्द्रता बढ़ने से गुरुवार को वायु गुणवत्ता खराब हो गई. मध्यम और निम्न दर्जे के बादलों ने आसमान को ढक लिया है. नोएडा और फरीदाबाद में छिटपुट हल्की बारिश भी हुई.
आंखों में जलन, सीने में जकड़न के मरीज बढ़े
विशेषज्ञों का कहना है कि शहर पर छाया पीला धुआं स्मॉग है जो कोहरे और प्रदूषण का मिश्रण है. इसकी वजह से कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए सेहत का खतरा पैदा हो सकता है. दिल्ली में दिवाली के बाद से हवा की गुणवत्ता में गिरावट देखी जा रही है.
बढ़ते प्रदूषण की वजह से शहर के अस्पतालों में खांसी, सांस फूलने, सीने में जकड़न और नाक बंद होने की शिकायत वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है. साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के उपाध्यक्ष डॉ. विवेक नांगिया ने बताया कि गुरुवार को अस्पताल आए अधिकतर मरीजों ने शिकायत की कि दिवाली के बाद से उनके लक्षण बिगड़ गए हैं.

मधुकर रेनबो चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मेधा ने बताया कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण कई लोग आंखों में जलन, गले में खराश और नींद में खलल की समस्या से जूझ रहे हैं.
किस वजह से बढ़ा प्रदूषण?
आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में पीएम 2.5 के स्तर में गाड़ियों के प्रदूषण का लगभग 15.9 प्रतिशत योगदान रहा. पराली का लगभग छह प्रतिशत और निवासियों के कारण उत्सर्जन का योगदान लगभग चार प्रतिशत रहा. 29 अक्टूबर के सैटलाइट डेटा में पंजाब में 283 और हरियाणा के 10 खेतों में आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं.
दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि शहर का वेंटिलेशन इंडेक्स (प्रदूषण फैलने की क्षमता का माप) 6,000 वर्ग मीटर प्रति सेकंड के अनुकूल स्तर से नीचे बना हुआ है. दस किमी प्रति घंटे से कम की धीमी हवाओं और उच्च नमी के कारण प्रदूषण फैल नहीं पाया जिससे आसमान धुंधला हो गया.
शुक्रवार को कैसा रहेगा मौसम?
दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो औसत से चार डिग्री अधिक है. दिल्ली में शाम 5.30 बजे आर्द्रता 75 प्रतिशत दर्ज की गई. मौसम विभाग ने शुक्रवार को हल्का कोहरा छाए रहने तथा अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 30 और 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जताई है.
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