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This Article is From Oct 25, 2022

नोएडा एक्सप्रेस-वे की सरफेसिंग अधूरी, 1 करोड़ का जुर्माना, 6 महीने में पूरा होना था काम

नोएडा एक्सप्रेस-वे की री-सरफेसिंग के लिए 9 डेडलाइन निकल गई. जुलाई में 10वीं डेडलाइन 30 सितंबर तय की गई थी. इस डेडलाइन तक भी कंपनी काम पूरा नहीं कर सकी. इसलिए एक करोड़ रुपये का और जुर्माना लगाया गया है. कंपनी पर अब तक 3 करोड़ 27 लाख रुपये का जुर्माना लग चुका है.

नोएडा एक्सप्रेस-वे की सरफेसिंग अधूरी, 1 करोड़ का जुर्माना, 6 महीने में पूरा होना था काम
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे की मरम्मत का काम सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है.

नोएडा एक्सप्रेस-वे की री-सरफेसिंग का काम कई डेडलाइन के बाद भी पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में प्राधिकरण (Noida Authority) ने सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी पर 1 करोड़ रुपये का और जुर्माना लगाया है. कंपनी पर अब तक 3 करोड़ 27 लाख रुपये का जुर्माना लग चुका है. साथ ही, प्राधिकरण ने एक्सप्रेस वे (Noida-Greater Noida Expressway) की मरम्मत का काम 30 नवंबर 2022 तक पूरा करने की अंतिम डेडलाइन तय की है. अधिकारियों ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण ने 2019 में सड़क के पुनर्निर्माण के काम के लिए सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन को लगाया था, जिसे 2020 में 70 करोड़ की लागत से पूरा किया जाना था. लेकिन अभी भी इसका काम चल रहा है.

दरअसल, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे की मरम्मत का काम सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है. कंपनी ने मरम्मत करने का काम जनवरी 2021 में शुरू किया था. यह काम दो जून 2021 तक पूरा होना था, लेकिन अभी तक यह अधूरा है. इस बीच 9 डेडलाइन निकल गई. जुलाई में 10वीं डेडलाइन 30 सितंबर तय की गई थी. इस डेडलाइन तक भी कंपनी काम पूरा नहीं कर सकी. इसलिए एक करोड़ रुपये का और जुर्माना लगाया गया है.

नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, "डेडलाइन बढ़ने के बाद 16 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे को 2022 के मध्य तक फिर से शुरू किया जाना था, लेकिन इस रविवार तक यह एक चौथाई से भी कम पूरा हो पाया था." अधिकारी ने कहा, "ऐसे में सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. काम पूरा करने के लिए 30 नवंबर की नई समय सीमा तय की गई है."

गौतम बौद्ध नगर में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे जुड़वां शहरों को जोड़ने वाली 25 किलोमीटर लंबी छह लेन की सड़क है, जबकि औसतन एक लाख से अधिक वाहन रोजाना इस पर चलते हैं. ऐसे में आने-जाने के हिस्से को मिलाकर 40 किलोमीटर का एरिया है. मरम्मत को दोनों चरणों में पूरा किया जाना है. पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. दूसरे चरण में 40 में से करीब 15 किलोमीटर हिस्से में मरम्मत का काम बचा है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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