
भारत में क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों के लिए एक बुरी खबर है. देश में टैक्स अथॉरिटीज क्रिप्टो से संबंधित एक्टिविटी को उन सर्विसेज की कैटेगरी में रखने की योजना बना रही हैं, जिन पर सबसे अधिक, यानी 28 प्रतिशत का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगता है. GST काउंसिल ने टैक्स के उद्देश्यों के लिए ट्रेडिंग, स्टेकिंग और वॉलेट्स जैसी विभिन्न क्रिप्टो एक्टिविटीज की स्टडी करने की जिम्मेदारी एक कमेटी को दी है.
इस बारे में GST काउंसिल की अगली मीटिंग में एक प्रपोजल पेश किया जा सकता है. इस मीटिंग की तिथि अभी तय नहीं है. क्रिप्टो एक्सचेंजों पर अभी 18 प्रतिशत GST लगता है और इन्हें फाइनेंशियल सर्विसेज की पेशकश करने वाले फाइनेंशियल इंटरमीडियरीज माना जाता है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, GST काउंसिल गैंबलिंग, लॉटरी, बेटिंग और हॉर्स रेसिंग जैसी सट्टेबाजी वाली एक्टिविटीज के साथ क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस को जोड़ने पर विचार कर सकती है. GST काउंसिल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस बारे में फिटमेट कमेटी को सुझाव देने के लिए एक लॉ कमेटी बनाई गई है. फिटमेट कमेटी क्रिप्टो एक्टिविटीज पर GST रेट का फैसला करेगी.
फिटमेंट कमेटी का प्रपोजल अंतिम स्वीकृति के लिए GST काउंसिल के पास भेजा जाएगा. पिछले महीने राज्यों के वित्त मंत्रियों ने हॉर्स रेसिंग, कैसिनो और ऑनलाइन गेमिंग के लिए टैक्स रेट बढ़ाने पर सहमति दी थी. इससे गैंबलिंग और बेटिंग से जुड़ी ऑनलाइन गेम्स पर सख्ती की जाएगी. GST काउंसिल ऑनलाइन गेमिंग पर भी टैक्स रेट 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर सकती है.
अगर क्रिप्टो एक्टिविटीज पर GST को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत किया जाता है तो यह क्रिप्टो सेगमेंट के लिए एक और बड़ा झटका होगा. इस वर्ष के बजट में सरकार ने क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए टैक्स से जुड़ी पॉलिसी की घोषणा की थी. इसके तहत डिजिटल एसेट्स पर 30 प्रतिशत कैपिटल गेन्स टैक्स और इनके ट्रांसफर पर 1 प्रतिशत TDS लगाया गया है. इससे क्रिप्टो एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत कम हो गई है. क्रिप्टो इनवेस्टर्स को प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स, 1 प्रतिशत TDS और 28 प्रतिशत के संभावित GST के अलावा एक्सचेंज की फीस और अतिरिक्त सेस और सरचार्ज को भी जोड़ना होगा. इससे क्रिप्टो में इनवेस्टमेंट करना बहुत महंगा हो जाएगा. इसका असर क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस पर भी पड़ेगा.