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This Article is From May 08, 2024

उम्र 21 साल, पता पुर्तगाल, नाम है भाऊ.. दिल्ली पुलिस के सिरदर्द बन गया यह छोटा डॉन कौन है?

जब दिल्ली में किसी पर गोलियों चलती है, तो पुलिस वाले तुरंत पूछते हैं कि कितनी गोलियां चली. दरअसल पुलिस वालों के ये पूछने का मकसद होता है कि अगर एक दर्जन से ज्यादा गोलियां चली है, तो पहला शक भाऊ पर ही होता है. किसी पर जितनी ज्यादा गोलियां चलती है, उस केस में भाऊ के शामिल होने की संभावना उतनी ज्यादा होती है.

उम्र 21 साल, पता पुर्तगाल, नाम है भाऊ.. दिल्ली पुलिस के सिरदर्द बन गया यह छोटा डॉन कौन है?
भाऊ ने छोटी उम्र में अपराध की दुनिया में रखा कदम

जब किसी एक 21 साल के शख्स के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाए तो यकीनन उसके बारे में तो लोग जानना ही चाहेंगे. ऐसा ही एक शख्स है हिमांशु. जिसे अपराध की दुनिया में भाऊ के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल भाऊ के खिलाफ इंटरपोल की तरफ से रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है. भाऊ अपराध की दुनिया से ताल्लुक रखता है. जो कि इन दिनों पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बना हुआ है. जब दिल्ली में किसी पर गोलियों चलती है, तो पुलिस वाले तुरंत पूछते हैं कि कितनी गोलियां चली. दरअसल पुलिस वालों के ये पूछने का मकसद होता है कि अगर एक दर्जन से ज्यादा गोलियां चली है, तो पहला शक भाऊ पर ही होता है. किसी पर जितनी ज्यादा गोलियां चलती है, उस केस में भाऊ के शामिल होने की संभावना उतनी ज्यादा होती है.

भाऊ के अपराधों की लिस्ट काफी लंबी

हरियाणा का मूल गैंगस्टर भाऊ दिल्ली-एनसीआर की अंडरवर्ल्ड दुनिया में अपनी अलग पैठ बना चुका है. दिसंबर 2023 में, भाऊ के गुर्गों ने द्वारका में एक बिल्डर के दफ्तर पर कथित तौर पर 40 राउंड से ज्यादा गोलियां चलाई थीं, जो 2023 की सबसे बड़ी जबरन वसूली से जुड़ी घटना थी. इस साल मार्च में, भाऊ के गुर्गों ने दिल्ली और सोनीपत के बीच स्थित गुलशन ढाबा में शराब कारोबारी सुंदर मलिक पर 35-40 राउंड गोलियां चलाई थीं. सीसीटीवी में कैद हुई इस वारदात को देख सोशल मीडिया पर कई लोगों ने गुस्सा जाहिर किया. अपराध की दुनिया में बेहद कम वक्त में हिमांशु ने अलग मुकाम बना लिया. जबकि इस दुनिया में आए हुए अभी भाऊ को पांच साल भी पूरे नहीं हुए. इसके बावजदू उसके कथित अपराधों की लिस्ट काफी लंबी है.

भाऊ बना पुलिस के जी का जंजाल

भाऊ रोहतक के रिटौली गांव का रहने वाला है, उसके द्वारा दर्ज किए गए पहले अपराधों में से एक प्रतिद्वंद्वी की हत्या का प्रयास करने का मामला था. 2020 में जब पुलिस ने उसे इस मामले में पकड़ा, तब उसकी उम्र 18 साल से कुछ महीने कम थी. तब उसे हिसार के बाल सुधार गृह में भेज दिया गया था, लेकिन वो वहां से कुछ ही हफ्तों में वह भाग गया और फिर से अपराध करने लगा. कुछ ही समय में, भाऊ झज्जर और रोहतक में दर्ज कम से कम 17 एफआईआर में वॉन्टेड हो गया. इनमें से ज्यादातर मामले हत्या, जबरन वसूली और हत्या के प्रयास से जुड़े थे. साल 2022 में, पुलिस को लगा कि भाऊ अब उनके जी का जंजाल बनने वाला है. इसी बात को ध्यान में रख उस पर शिकंजा कसना शुरू किया जाने लगा. भाऊ ने कथित तौर पर 3, 7 और 28 मार्च को हत्याओं को अंजाम दिया, जिससे पुलिस तुरंत हरकत में आ गई.

कैसे देश से फरार हुआ भाऊ?

पुलिस ने ऐसे में भाऊ और उसके कथित सहयोगियों और ठिकानों पर बड़े पैमाने पर छापे मारे. जब भाऊ को मालूम हुआ कि पुलिस उसकी कुंडली खंगाल रही है और उसके अपराधों के बारे में जानती है तो वो जाली दस्तावेजों का उपयोग करके पासपोर्ट बनाने में कामयाब रहा और उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी होने से पहले ही देश से भाग गया. वह कथित तौर पर 2022 के अंत में दुबई और फिर पुर्तगाल भाग गया. हालांकि साल 2023 में, कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भाऊ और उसके सिंडिकेट पर कड़ी कार्रवाई की. पिछले साल अप्रैल में, हरियाणा पुलिस ने सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से संपर्क किया और उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी के जासूसों ने 500 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर रोहतक और दिल्ली के बीच लगभग 50 स्थानों पर छापेमारी.

पुलिस ने रखा 1.5 लाख रुपये से अधिक का इनाम

इस छापेमारी में 79 मोबाइल फोन, 50 सिम कार्ड, विदेशी करेंसी, कारतूस, पासपोर्ट और बैंक दस्तावेज जब्त किए. पिछले साल से, भाऊ ने अपना ध्यान दिल्ली-एनसीआर पर केंद्रित कर दिया, जबरन वसूली से संबंधित गोलीबारी की की घटना को अंजाम दिया और शहर के पुलिसकर्मियों को परेशान किया. भाऊ ने पुलिस की नाक में किस कदर दम कर रखा है कि इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि हरियाणा पुलिस ने गैंगस्टर पर 1.5 लाख रुपये से अधिक का इनाम घोषित किया है, जबकि दिल्ली पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखने की पेशकश की है.

भाऊ के बारे में पता चला है कि वह अपने दो करीबी सहयोगियों - योगेश कादियान और साहिल के साथ मिलकर काम कर रहा है, जो विदेश में हैं और उनके खिलाफ रेड नोटिस जारी किए गए हैं. कहा जाता है कि उन्हें बंबीहा गिरोह के साथ-साथ कुछ खालिस्तान समर्थक समूहों का भी समर्थन प्राप्त है. अमेरिका में बबिन्हा गिरोह का हिस्सा, कादियान को मॉर्डन हथियारों का एक्सपर्ट माना जाता है. वह 17 साल की उम्र में फर्जी पासपोर्ट पर अमेरिका भाग गया था. सूत्रों ने कहा कि दूसरी ओर, साहिल भाऊ के लिए जबरन वसूली गिरोह का काम देखता है.

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