वर्ल्ड कप 2015 के लीग मुक़ाबलों में भारत की ओर से रोहित शर्मा उम्मीद के मुताबिक बल्ले से धमाल नहीं मचा पाए थे। दो बार हाफ सेंचुरी जरूर बनाई थी, लेकिन बड़ी पारी का इंतजार बना हुआ था।
लिहाजा क्वार्टर फ़ाइनल मुक़ाबले में उन पर बेहतर करने का दबाव कहीं ज्यादा था। रोहित ने इस दबाव के सामने ही मेलबर्न में जो पहली गेंद खेली, उसे बाउंड्री के पार भेज दिया।
रोहित ने पहली गेंद पर लगाए चौके के साथ जाहिर कर दिया कि वे इस बड़े मुक़ाबले में बड़ी पारी खेलने के लिए ही उतरे हैं। दूसरे छोर पर, जब भारतीय बल्लेबाज़ रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे थे, तब रोहित शर्मा अकेले पहाड़ की तरह डटे रहे। बाद में सुरेश रैना के साथ मिलकर उन्होंने भारत को एक मज़बूत स्कोर की राह पर डाला।
रोहित की खासियत यही रही है कि एक बार जमने के बाद वे अपने शॉट्स मनमाफिक अंदाज में खेलते हैं। मेलबर्न में उन्होंने अपने वनडे करियर का सातवां शतक पूरा किया। रोहित ने इससे पहला जो अपना आखिरी वनडे शतक बनाया था, वो भी इसी मैदान पर जनवरी, 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था।
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