IND vs AUS : क्या सीरीज में वापसी कर पाएगी टीम इंडिया...

IND vs AUS : क्या सीरीज में वापसी कर पाएगी टीम इंडिया...

एमएस धोनी और विराट कोहली (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

पर्थ की पिच पर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की गेंदें बार-बार बाउंड्री पार करती रहीं। अश्विन ने जहां 9 ओवर में 68 रन खर्च किए, वहीं जडेजा की 54 गेंदों पर 61 रन बने। यानी इन दो स्पिनर्स ने 18 ओवर में 129 रन खर्च कर दिए। इनकी गेंदों पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने 9 चौके और 3 छक्के मारे।

लिहाजा 310 रन का बड़ा लक्ष्य भी कंगारुओं के लिए छोटा और आसान साबित हुआ। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने स्पिनर्स के प्रदर्शन से निराश और हैरान थे।

मैच के बाद धोनी का कहना था, "मैंने सोचा भी नहीं था कि स्पिन गेंदबाजों का प्रदर्शन इतना खराब रहेगा। उन्हें तेज गेदबाजों को राहत देने थी, लेकिन इनकी जिम्मेदारी दूसरों को उठानी पड़ी।"

हालांकि पंजाब के सीमर बरिंदर सरां ने अपने पहले वनडे में सबको प्रभावित किया। 23 साल के बाएं हाथ के गेंदबाज बरिंदर ने एरॉन फिंच और डेविड वॉरनर को जल्दी आउट कर भारत को जबर्दस्त शुरुआत दिलाई थी, लेकिन दूसरे गेंदबाज प्रभावहीन साबित हुए। वैसे एक मैच के आधार पर उन्हें आंका नहीं जा सकता। बरिंदर ने 9.2 ओवर में 56 रन देकर 3 विकेट हासिल किए।

महेंद्र सिंह धोनी कहते हैं, "उसने बहुत अच्छी गेंदबाज़ी की। सही जगह गेंदें डाल रहा था, जो बेहद महत्वपूर्ण है। बाएं हाथ का गेंदबाज जब दाएं हाथ के बल्लेबाज को गेंद फेंकता है तो उसे एंगल का थोड़ा फायदा मिलता है, लेकिन एक मैच के आधार पर मैं अपनी राय नहीं दे सकता।"

पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि इस सीरीज में बल्लेबाजों का बोलबाला रहेगा। भारतीय गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ को जल्द आउट करना होगा।

"आप की रफ्तार कितनी है ये ज्यादा मायने नहीं रखता। विकेट लेना जरूरी है और बरिंदर को विकेट मिल रहे हैं। अगर वह दाएं हाथ के बल्लेबाज के सामने अंदर आती गेंद फेंकना सीख लें, तो बड़ी बात होगी। वसीम अकरम से बात कर उनसे टिप्स लो। अंदर आती गेंद स्मिथ को परेशान कर सकती है। आशीष नेहरा की इनकमिंग गेंदें भी खतरनाक होती हैं। उनसे भी बात करो।"

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पहला मैच हारने के बाद टीम इंडिया और कप्तान धोनी पर दबाव बढ़ गया है, वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम अपनी पिच पर लगातार 15 मैच जीत चुकी है। जाहिर है सीरीज में वापसी करना टीम इंडिया के लिए आसान नहीं होगा।